गुलाब खंडेलवाल वाक्य
उच्चारण: [ gaulaab khendelevaal ]
उदाहरण वाक्य
- ' अंतर की अकलुष स्नेह-वृत्ति कब हुई मृषा! / प्रथम खंड / गुलाब खंडेलवाल
- ' मन्त्र पुराने काम न देंगें, मन्त्र नया पढ़ना है / तृतीय सर्ग/ गुलाब खंडेलवाल
- महाकवि गुलाब खंडेलवाल, साहित्य की अजस्र मंदाकिनी प्रवाहित करनेवाले प्रथम कोटि के साहित्यकारों की पंक्ति में अग्रणी हैं।
- उनकी बात कोई हँसी में न उड़ाए इसके लिए कविवर गुलाब खंडेलवाल का एक शेर पेशेखिदमत है:
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- महाकवि गुलाब खंडेलवाल की कुछ पुस्तकें महाविद्यालयों के शिक्षण-पाठ्यक्रमों में भी रह चुकी हैं जो इस प्रकार हैं-
- महाकवि गुलाब खंडेलवाल, साहित्य की अजस्र मंदाकिनी प्रवाहित करनेवाले प्रथम कोटि के साहित्यकारों की पंक्ति में अग्रणी हैं।
- श्री गुलाब खंडेलवाल की प्रारम्भिक शिक्षा गया (बिहार) में हुई तथा उन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से १९४३ में बी. ए. किया.
- हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग के जगन्नाथपुरी में आयोजित हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में वरिष्ठ साहित्यकार श्री गुलाब खंडेलवाल के द्वारा “राष्ट्र-भाषा रत्न” अलंकरण
- श्री गुलाब खंडेलवाल का जन्म अपने ननिहाल राजस्थान के शेखावाटी प्रदेश के नवलगढ़ नगर में २१ फरवरी सन् १९२४ ई. को हुआ था।