गौरीशंकर हीराचंद ओझा वाक्य
उच्चारण: [ gaaurishenker hiraachend ojhaa ]
उदाहरण वाक्य
- कोलब्रुक कनिंघम, गौरीशंकर हीराचंद ओझा आदि भी भारत में लेखनकला का व्यवहार “बुद्ध से अनेक शताब्दी पूर्व” मानते हैं।
- प्रसिद्ध इतिहासज्ञ रायबहादुर पंडित गौरीशंकर हीराचंद ओझा रासो में वर्णित घटनाओं तथा संवतों को बिल्कुल भाटों की कल्पना मानते हैं।
- गौरीशंकर हीराचंद ओझा के अभिमत प्रकाशित हुए तो विवाद शिवराजपुर की प्रतिमा के पक्ष में ही जाता लगा पं.
- प्रसिद्ध इतिहासज्ञ रायबहादुर पंडित गौरीशंकर हीराचंद ओझा रासो में वर्णित घटनाओं तथा संवतों को बिल्कुल भाटों की कल्पना मानते हैं।
- कोलब्रुक कनिंघम, गौरीशंकर हीराचंद ओझा आदि भी भारत में लेखनकला का व्यवहार “ बुद्ध से अनेक शताब्दी पूर्व ” मानते हैं।
- ' भारतीय अनुशीलन', महामहोपाध्याय गौरीशंकर हीराचंद ओझा के सम्मान में समर्पित, 23वाँ हिन्दी साहित्य सम्मेलन, दिल्ली, 1933, विभाग 4, अर्वाचीन काल, पृ. 30-36. 14.
- 13. 'भारतीय अनुशीलन', महामहोपाध्याय गौरीशंकर हीराचंद ओझा के सम्मान में समर्पित, 23वाँ हिन्दी साहित्य सम्मेलन, दिल्ली, 1933, विभाग 4, अर्वाचीन काल, पृ. 30-36.
- डॉ गौरीशंकर हीराचंद ओझा (१ ८ ६ ३-१ ९ ४ ७) [1] भारत के इतिहासकार एवं हिन्दी लेखक थे।
- सुविख्यात इतिहासकार महामहोपाध्याय पंडित गौरीशंकर हीराचंद ओझा (1863-1947) के अनुसार “प्रतापगढ़ का सूर्यवंशीय राजपूत राजपरिवार मेवाड़ के गुहिल वंश की सिसोदिया शाखा से सम्बद्ध रहा है”.
- सुविख्यात इतिहासकार महामहोपाध्याय पंडित गौरीशंकर हीराचंद ओझा (1863-1947) के अनुसार “प्रतापगढ़ का सूर्यवंशीय राजपूत राजपरिवार मेवाड़ के गुहिल वंश की सिसोदिया शाखा से सम्बद्ध रहा है”.