घटकर्पर वाक्य
उच्चारण: [ ghetkerper ]
उदाहरण वाक्य
- दूतकाव्य, संस्कृत काव्य की एक विशिष्ट परंपरा है जिसका आरंभ भास तथा घटकर्पर के काव्यों और महाकवि कालिदास के मेघदूत में मिलता है, तथापि, इसके बीज और अधिक पुराने प्रतीत होते हैं।
- महाकवि कालिदास, वैद्य धन्वंतरि, साहित्यकार अमर सिंह, न्याय दर्शन ज्ञाता क्षपणक, कवि वररुचि, नीति शास्त्री वेताल, गणितज्ञ वराहमिहिर, ज्योतिषी शंकु और विद्वान कवि घटकर्पर नौ रत्नों में शुमार थे।
- शैलीशिल्प की दृष्टि से यह अति लघु काव्य भी संस्कृत साहित्य में अपना विशिष्ट स्थान बना चुका है और कहा जाता है कि इस कृति के सौंदर्य के करण कवि ने अन्य कवियों को यह चुनौती दी थी कि जो भी कवि इससे अधिक उत्कृष्ट रचना कर देगा, रचयिता (घटकर्पर) उसके घर फूटे घड़े से पानी भरने को तैयार है।