घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम वाक्य
उच्चारण: [ gherelu hinesaa s mhilaa senreksen adhiniyem ]
उदाहरण वाक्य
- घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम की उपयुक्त क्रियान्वति एवं प्रबोधन की दृष्टि से जिला महिला सहायता समिति को शीर्ष संस्था बनाया गया है।
- सामूहिक विवाहों हेतु अनुदान जिला महिला सहायता समिति राज्य महिला आयोग जैंडर संवेदनशील बजटिंग किशोरी शक्ति योजना घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम 2005 बाल विवाह रोकथाम
- घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 घरेलू हिंसा की परिभाषा:-इस अधिनियम के प्रयोजनार्थ घरेलू हिंसा शब्द का व्यापक अर्थ लिया गया है।
- उन्होंने कहा कि देश में कुछ कानून जैसे दहेज प्रतिरोध अधिनियम 1961 घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम 2005 है लेकिन इन कानूनों से जुड़े जिम्मेदार लोग ईमानदारी से काम नहीं करते हैं।
- घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम 2005 महिलाओं पर होने वाले शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु भारत में कई कानून बनाए गए जिनमें से सबसे प्रभावशाली है 'घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम 2005'.
- घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम 2005 महिलाओं पर होने वाले शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु भारत में कई कानून बनाए गए जिनमें से सबसे प्रभावशाली है ' घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम 2005 '.
- घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम 2005 महिलाओं पर होने वाले शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक उत्पीड़न की रोकथाम हेतु भारत में कई कानून बनाए गए जिनमें से सबसे प्रभावशाली है ' घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम 2005 '.
- (धारा 3-क) राज्य सरकार द्वारा घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 के अन्तर्गत सभी उपनिदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग एवं समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारियों एवं समस्त प्रचेताओं को कुल 574 अधिकारियों को संरक्षण अधिकारी नियुक्त किया गया है।
- परिवार का कोई भी पुरुष सदस्य अगर महिला को मारता है, उसके साथ अभद्र भाषा में बात करता है या उसे किसी भी चीज के लिए विवश करता है तो वह महिला घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत उसके खिलाफ मामला दर्ज करा सकती है.
- वर्ष 2006 में भारत सरकार द्वारा घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम 2005 लागू किया गया जिसके अनुसार महिला, वृद्ध अथवा बच् चों के साथ होने वाली किसी भी प्रकार की हिंसा अपराध की श्रेणी में आती है, और इसके दोषी पाए जाने पर कड़ी सजा का भी प्रावधान है.