चैत्र शुक्ल द्वितीया वाक्य
उच्चारण: [ chaiter shukel devitiyaa ]
उदाहरण वाक्य
- होली के दूसरे दिन (चैत्र कृष्ण प्रतिपदा) से जो नवविवाहिताएँ प्रतिदिन गणगौर पूजती हैं, वे चैत्र शुक्ल द्वितीया के दिन किसी नदी, तालाब या सरोवर पर जाकर अपनी पूजी हुई गणगौरों को पानी पिलाती हैं और दूसरे दिन सायंकाल के समय उनका विसर्जन कर देती हैं।
- होली के दूसरे दिन (चैत्र कृष्ण प्रतिपदा) से जो कुमारी और विवाहित बालिकाएँ अर्थात नवविवाहिताएँ प्रतिदिन गणगौर पूजती हैं, वे चैत्र शुक्ल द्वितीया (सिंजारे) के दिन किसी नदी, तालाब या सरोवर पर जाकर अपनी पूजी हुई गणगौरों को पानी पिलाती हैं और दूसरे दिन सायंकाल के समय उनका विसर्जन कर देती हैं।
- यह माना जाता है गणगौर अपने पीहर आती है और फिर पीछे पीछे गणगौर का पति ईसर उसे वापस लेने आता है और आखिर मे चैत्र शुक्ल द्वितीया व तृतीया को गणगौर को अपने ससुराल वापस रवाना कर दिया जाता है और इन्हीं दिनों में जब गणगौर अपने पीहर होती है, गणगौर को खुश करने के लिए गणगौर के सामने गीत गाए जाते है और माता से कामना की जाती है वह देश, शहर, परिवार व कुल की समृद्धि करे उसकी रक्षा करे।
- चेटी चंड ” सिंधियों का नव वर्ष है | सिंधी मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान झूलेलाल का जन्म हुआ था जो वरुण देव के अवतार थे | यह एक उत्सव से शुरू होता है, जो चैत्र शुक्ल द्वितीया को मनाया जाता है | यहाँ गांधीधाम में SRC यानि सिंधी कम्यूनिटी की पापुलेशन बहुत ज़्यादा है इसलिए यहाँ पर ये पर्व बहुत ही अच्छे से मनाया जाता है | पूरे शहर की सारी सड़कों को दीवाली की तरह रंगीन बिजली के बल्बों वाली झालरों से सजाया गया है, जो बहुत ही सुन्दर लगता है |