जम्मू-कश्मीर रियासत वाक्य
उच्चारण: [ jemmu-keshemir riyaaset ]
उदाहरण वाक्य
- जम्मू-कश्मीर रियासत के तत्कालीन महाराजा हरिसिंह ने 26 अक्टूबर 1947 को एक विलय पत्र पर हस्ताक्षर करके उसे भारत सरकार के पास भेज दिया था।
- जम्मू-कश्मीर रियासत के तत्कालीन महाराजा हरिसिंह ने 26 अक्टूबर 1947 को एक विलय पत्र पर हस्ताक्षर करके उसे भारत सरकार के पास भेज दिया था।
- 5. भारत की आजादी के बाद तक जम्मू-कश्मीर रियासत के सरदार इस बात का निर्णय नहीं ले पा रहे थे कि उन्हें भारत के साथ मिलना चाहिए या पाकिस्तान के साथ।
- शेख़ साहब भी कश्मीर को स्वीटजरलैंड की तर्ज पर आज़ाद बनाने का दु: स्वप्न देखने लगे थे और जम्मू-कश्मीर रियासत के भारत के संपूर्ण विलय को लेकर अपना अविश्वास और असमंजस प्रर्दिशत करने लगे थे।
- वहां सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस के नेता यह मानते हैं कि भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर रियासत के साथ किये गये समझौते का सम्मान नहीं किया और उसकी स्वायत्तता को क्रमशः क्षीण करने का प्रयास किया, इसीलिए यह समस्या पैदा हुई।
- पाकिस्तान का मानना था कि प्रदेश की अधिकांश जनसंख्या मुसलमान है इसीलिए उन्हें पाकिस्तान के साथ मिलना चाहिए लेकिन अंतत: अक्टूबर 1947 में जम्मू-कश्मीर रियासत के सरदार ने अपनी रियासत को भारत का हिस्सा बनाने पर अपनी रजामंदी दे दी।
- रसैल ने बताया कि जम्मू-कश्मीर रियासत के राजा ने भारत के साथ जुड़ने के करारनामे पर हस्ताक्षर कर दिया है और ऐसे में पाकिस्तानी कबाइली आक्रमण से जम्मू-कश्मीर की रक्षा करने की जिम्मेदारी भारत सरकार ने दी है डीईपी कमांड को.
- जहां हम लगातार यह दावा करते हैं कि 26 अक्टूबर 1947 को जम्मू-कश्मीर रियासत का भारत में सम्मिलन हो गया था और वह भारत का अभिन्न अंग बन गया था, वहीं हम इसमें कम ही रुचि रखते हैं कि फिलवक्त उस बड़े क्षेत्र में क्या हो रहा है, जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है।
- जहां हम लगातार यह दावा करते हैं कि 26 अक्टूबर 1947 को जम्मू-कश्मीर रियासत का भारत में सम्मिलन हो गया था और वह भारत का अभिन्न अंग बन गया था, वहीं हम इसमें कम ही रुचि रखते हैं कि फिलवक्त उस बड़े क्षेत्र में क्या हो रहा है, जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है।
- एक भुला दी गई सच्चाई जगमोहन जहां हम लगातार यह दावा करते हैं कि 26 अक्टूबर 1947 को जम्मू-कश्मीर रियासत का भारत में सम्मिलन हो गया था और वह भारत का अभिन्न अंग बन गया था, वहीं हम इसमें कम ही रुचि रखते हैं कि फिलवक्त उस बड़े क्षेत्र में क्या हो रहा है, जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है।