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जातक पारिजात वाक्य

उच्चारण: [ jaatek paarijaat ]

उदाहरण वाक्य

  1. (जातक पारिजात) जिसके बारहवें स्थान में शुभ ग्रह हो और द्वादशेश बलवान होकर शुभ ग्रह से युक्त या दृष्ट हो, उसे मोक्ष प्राप्त होता है।
  2. दैवज्ञ श्री वैद्यनाथ ने अपने ग्रंथ जातक पारिजात में मृत्योपरांत गति के बारे में मृत्यु समय के लग्नानुसार इस प्रकार बताया है (अ. 5.118) देवमत्र्यपितृनारकालय प्राणिनो गुरुरिनक्षमासुतौ।
  3. भास्कराचार्य सिद्धांत शिरोमणि 4. श्रीधर जातक तिलक ज्योतिष शास्त्र के कुछ और जाने-माने ग्रंथ इस प्रकार हैं-1. सूर्य सिद्धांत 2. लघु पाराशरी 3. फल दीपिका 4. जातक पारिजात 5. मान सागरी 6.
  4. जातक पारिजात में एक योग मिलता है जिसके अनुसार दशम से अधिक बिन्दु एकादश में हो और उससे कम बिन्दु द्वादश भाव में हो एवं इससे अधिक बिन्दु लग्न में हो तो यह उच्चाकोटि का राजयोग है।
  5. (जातक पारिजात) यदि गुरु कर्क लग्न में उच्चस्थ हो, धनु नवांश (कर्क में 16040 ' से 200 तक) का हो और तीन चार ग्रह केंद्र में हों तो जातक मोक्ष पाता है।
  6. फलित ज्योतिष के जातक पारिजात, बृहत् पराशर होरा शास्त्र,जातकाभरणं इत्यादि सभी प्राचीन ग्रंथों में गंडांत नक्षत्रों तथा उनके प्रभावों का वर्णन दिया गया है |अश्वनी,आश्लेषा,मघा,ज्येष्ठा,मूल तथा रेवती नक्षत्र गण्डमूल नक्षत्र हैं |
  7. जातक पारिजात के अनुसार शनि की दशा में सामान्यतः बकरी, गधे, ऊंट आदि के द्वारा लाभ, उम्र में बड़ी स्त्री से लाभ या उससे संयोग तथा पक्षी व मोटे अनाज के व्यापार से लाभ होता है।
  8. जातक पारिजात में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पाप ग्रह स्वराशिस्थ, शुभ वर्गस्थ, शुभ ग्रह से दृष्ट होकर अपनी दृष्टि से उतना पाप फल नहीं करता, जितना नीचस्थ, शत्रु राशिस्थ या पाप दृष्टि में होने पर कर सकता है।
  9. गुरु कर्क लग्न में उच्चस्थ हो, धनु नवांश का हो और तीन-चार ग्रह केंद्र में हों तो जातक मोक्ष प्राप्त करता है (जातक पारिजात) गुरु धनु लग्न, मेष नवांश में हो, शुक्र सप्तम भाव में तथा चंद्र कन्या राशि में हो तो जातक मोक्ष पाता है।
  10. बारहवें भाव में शुभ ग्रह, शुभ होकर स्थित हों, शुभ ग्रह से दृष्ट हों, अच्छे वर्ग में हों तो जातक स्वर्ग प्राप्त करता है (जातक पारिजात) अष्टम भाव में शुभ ग्रह शुभ ग्रह द्वारा दृष्ट हो तो जातक स्वर्ग प्राप्त करता है (फलदीपिका) नरक प्राप्ति योग: बारहवें भाव का स्वामी पाप षष्ठयांश में पाप ग्रह द्वारा दृष्ट हो तो प्राणी नरक में जाता है।
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