जाप साहिब वाक्य
उच्चारण: [ jaap saahib ]
उदाहरण वाक्य
- बड़े होकर इन्होंने बाणी की कई रचनाएं की जिनमें जाप साहिब, अकाल उसत्त, बचित्र नाटक, चंडी की वार व चरित्रों पखायान आदि हैं।
- लोहे के एक कटोरे को साफ पानी से भरकर, पांच पवित्र पाठ्यों अथवा बानियों-जपजी, जाप साहिब, सवैये, चौपाई और आनंद साहिब का उच्चारण करते हुए वे इसे एक दु-धारी तलवार (जिसे खण्डा कहते हैं) से हिलाते रहे.
- दसम ग्रंथ की वानियाँ जैसे की जाप साहिब, तव परसाद सवैये और चोपाई साहिब सिखों के रोजाना सजदा, नितनेम, का हिस्सा है और यह वानियाँ खंडे बाटे की पहोल, जिस को आम भाषा में अमृत छकना कहते हैं, को बनाते वक्त पढ़ी जाती हैं ।
- दसम ग्रंथ की वानियाँ जैसे की जाप साहिब, तव परसाद सवैये और चोपाई साहिब सिखों के रोजाना सजदा, नितनेम, का हिस्सा है और यह वानियाँ खंडे बाटे की पहोल, जिस को आम भाषा में अमृत छकना कहते हैं, को बनाते वक्त पढ़ी जाती हैं ।
- दसम ग्रंथ की वानियाँ जैसे की जाप साहिब, तव परसाद सवैये और चोपाई साहिब सिखों के रोजाना सजदा, नितनेम, का हिस्सा है और यह वानियाँ खंडे बाटे की पहोल, जिस को आम भाषा में अमृत छकना कहते हैं, को बनाते वक्त पढ़ी जाती हैं ।
- ५) १७५२ में, गुर्बिलास पातशाही १० में कोएर सिंह कलाल जी ने जिक्र किया है की गुरु गोबिंद सिंह जी ने बचित्र नाटक, कृष्ण अवतार, विष्णु अवतार, अकाल उसतति, जाप साहिब, ज़फरनामा, हिकायतें लिखी हैं और यह पहला इतिहासक ग्रन्थ है जिसमे आदि ग्रन्थ जी को गुरु पद देने की बात दर्ज है ।
- ५) १७५२ में, गुर्बिलास पातशाही १० में कोएर सिंह कलाल जी ने जिक्र किया है की गुरु गोबिंद सिंह जी ने बचित्र नाटक, कृष्ण अवतार, विष्णु अवतार, अकाल उसतति, जाप साहिब, ज़फरनामा, हिकायतें लिखी हैं और यह पहला इतिहासक ग्रन्थ है जिसमे आदि ग्रन्थ जी को गुरु पद देने की बात दर्ज है ।
- ५) १ ७ ५ २ में, गुर्बिलास पातशाही १ ० में कोएर सिंह कलाल जी ने जिक्र किया है की गुरु गोबिंद सिंह जी ने बचित्र नाटक, कृष्ण अवतार, विष्णु अवतार, अकाल उसतति, जाप साहिब, ज़फरनामा, हिकायतें लिखी हैं और यह पहला इतिहासक ग्रन्थ है जिसमे आदि ग्रन्थ जी को गुरु पद देने की बात दर्ज है ।