जीववैज्ञानिकों वाक्य
उच्चारण: [ jivevaijenyaanikon ]
उदाहरण वाक्य
- हालांकि, विकासवादी जीववैज्ञानिकों के लिए काफी अरसे से यह एक महत्वपूर्ण सवाल रहा है कि कैसे विभित्र वंशावलियों में विकास अलग-अलग गति से होता है.
- जब जीववैज्ञानिकों में इसके जीववैज्ञानिक वर्गीकरण का मत और विकसित हुआ तो इसे पहले तो वापस ' टूर्नेफ़ोर्टिया आर्जेन्टिया' में और फिर सन् २००३ में 'हीलियोट्रोपियम फ़ोर्थेरियेनम' (
- वर्तमानकाल में इस विचार को लेकर जीववैज्ञानिकों में मतभेद है और बहुत से विद्वानों के अनुसार भिन्न खुरदार जातियाँ एक-दूसरे से उतनी अनुवांशिक (जेनेटिक) गहराई से सम्बंधित नहीं हैं जितना पहले समझा जाता था।
- जलवायु को प्रभावित करते हैं जीववैज्ञानिकों ने पहली बार इस बारे में सबूत पाने का दावा किया है कि समुद्र में मौजुद सूक्ष्म जीवों ने पारिस्थितिकी संपर्क और प्रतिक्रिया के जरिए वैश्विक जलवायु को प्रभावित किया है ।
- आधुनिक जीववैज्ञानिकों ने जीवद्रव्य का रासायनिक विश्लेषण करके यह तो पता लगा लिया है कि उसका निर्माण किन-किन घटकों द्वारा हुआ है, किंतु आज तक किसी भी वैज्ञानिक को उसमें (जीवद्रव्य) प्राण का संचार करने में सफलता हाथ नहीं लगी है।
- आधुनिक जीववैज्ञानिकों ने जीवद्रव्य का रासायनिक विश्लेषण करके यह तो पता लगा लिया है कि उसका निर्माण किन-किन घटकों द्वारा हुआ है, किंतु आज तक किसी भी वैज्ञानिक को उसमें (जीवद्रव्य) प्राण का संचार करने में सफलता हाथ नहीं लगी है।
- जीववैज्ञानिकों के नज़रिए में ऐसा टैक्सोन जो वास्तविक प्राकृतिक श्रेणियाँ दिखाए वह ' अच्छा' होता है और ऐसा टैक्सोन जो कृत्रिम रूप से ज़बरदस्ती ऐसी जातियों को एक श्रेणी में डाल दे जिनका आपस में प्राकृतिक सम्बन्ध नहीं है वह 'बुरा' या 'ग़लत' होता है।
- Babiesइन्हें भी पढ़ेंदोबारा चलते-फिरते दिखेंगे लुप्त हुए जीववैज्ञानिकों ने किया चने का जीनोम कोड ब्रेकक्या आपको चाहिए डिजाइनर बेबी? एक बड़ी उपलब्धिजल्द ही ब्रिटेन में पैदा होंगे डिजाइनर बेबीसभी एनबीटी मेरा प्रोफाइलसाइन इन मेडल जीतने के लिएथर्ड अंपायरवेबसाइट पर आपत्तिजनक कॉमेंट खोजें और दर्ज करें।
- आधुनिक जीववैज्ञानिकों ने जीवद्रव्य का रासायनिक विश्लेषण करके यह तो पता लगा लिया है कि उसका निर्माण किन-किन घटकों द्वारा हुआ है, किंतु आज तक किसी भी वैज्ञानिक को उसमें (जीवद्रव्य) प्राण का संचार करने में सफलता हाथ नहीं लगी है।
- भारत में यह हिमालय के मंझले क्षेत्रों में तो उगता ही है, लेकिन साथ ही साथ दिल्ली जैसे क्षेत्रों में भी मिलता है, हालांकि कुछ जीववैज्ञानिकों के अनुसार या वृक्ष दिल्ली की गर्मियों को नहीं झेल सकता और वहाँ मिलने वाला पेड़ 'सेल्टिस ऑस्ट्रालिस' (