ढूंढाड़ी वाक्य
उच्चारण: [ dhunedhaadei ]
उदाहरण वाक्य
- ढूंढाड़ी के पितामह बुद्धि प्रकाश पारीक गुलाबी नगर जयपुर के प्रख्यात हास्य कवि, राजस्थानी ढूंढाड़ी के पितामह बुद्धि प्रकाश पारीक का २२ मई को जयपुर में निधन हो गया।
- राजस्थानी का अर्थ केवल मारवाड़ी से नहीं बल्कि ब्रज, हाड़ौती, वागड़ी, ढूंढाड़ी, मेवाती, मारवाड़ी, मालवी और शेखावाटी सहित 73 बोलियों के एक समूह से हैं.
- उनका दावा है कि बांसवाड़ा की वागड़ी जैसी कई जुबानों खासकर कोटा की हाड़ौती, जयपुर की ढूंढाड़ी या सीकर की शेखावाटी को तथाकथित राजस्थानी भाषा का महान ज्ञाता संचार नहीं कर सकता.
- मायड भाषा मोन हुई अब, हुयो घणो नुकसान छे झरता नेना नीर थम्या सब, गीत ग़ज़ल अर मुस्कान छे दीप भुज्यो ढूंढाड़ी को तो, सगळा ही हैरान छेजेपर म्हांको कविवर थां बिन, दीख रह्यो वीरान छे थाने
- वस्तुत: आज जिन मारवाड़ी, मेवाड़ी, ढूंढाड़ी, हाड़ौती आदि भाषाओं को हम राजस्थानी भाषा के रूप में जानते हैं, वे सब भाषायें डिंगल में से निकली हैं और जिस भाषा को हम भाषाओं की राजरानी ब्रजभाषा के रूप में जानते हैं, वह पिंगल से निकली हैं।
- राजस्थान की आंचलिक ढूंढाड़ी भाषा के कवि दुरगादान गौड़ ने बड़े ही अनूठे अंदाज में गीत सुनाए-मीठा गीत जवानी मीठी, मीठा ढोला मारू हाय म्हारी चांद कुंवर तने हिवड़ा बीच उतारूं मीठा सपना मीठी यादां मीठी बात वचन अरु वादा जग सूं थाणी हांसी पी ग्या म्हां भी हो गया मीठा ज्यादा म्हारी भी तकदीर संवर जा आ जा थारी केश संवारूं।