तंत्रालोक वाक्य
उच्चारण: [ tenteraalok ]
उदाहरण वाक्य
- (2) सुप्रसिद्ध कश्मीरी आचार्य अभिनव गुप्त ने अपने तंत्रालोक में मच्छंद विभु को नमस्कार किया है।
- तंत्रालोक का प्रक्रिया ग्रन्थ के रूप में संकलन इस रिक्ति को पूर्ण करने में एक महत्त्वपूर्ण कदम था।44
- 69 कतिपय परिस्थितियों वश नहीं, वरन् यथार्थतः तंत्रालोक एक आदर्शपूर्ण तथा प्रमाणिक ग्रन्थ है जो कि त्रिक-परम्परा का प्रस्तोता है।
- 3. तांत्रिक विधियों का सरल प्रतिपादन-आ0 अभिनव तंत्रालोक द्वारा तांत्रिक विधियों और ज्ञान की सरल प्रस्तुति को तृतीय उद्देश्य मानते हैं।
- उत्पल वैष्णव की “स्पंदप्रदीपिका” भास्कर और वरदराज का “शिवसूत्रवार्तिक”, रामकंठ को “स्पंदकारिकाविवृत्ति”, योगराज की “परमार्थविवृति” और जयरथ की तंत्रालोक की “विवेक” टीका।
- उत्पल वैष्णव की “स्पंदप्रदीपिका” भास्कर और वरदराज का “शिवसूत्रवार्तिक”, रामकंठ को “स्पंदकारिकाविवृत्ति”, योगराज की “परमार्थविवृति” और जयरथ की तंत्रालोक की “विवेक” टीका।
- तंत्रालोक में आचार्य अभिनव गुप्त ने स्वस्तिक का अर्थ करते हुए लिखा है कि नादब्रह्म से अक्षर तथा वर्णमाला बनी, मातृका की उत्पत्ति हुई।
- यहाँ तंत्रालोक वाली प्रतीक-क्रियाओं का पुंज है-त्रिपुर, त्रिपुरसुन्दरी श्रद्धा (की स्मिति) द्वारा त्रिपुरदाह और फिर इच्छा क्रिया ज्ञान का एकमेल ।
- जयरथ तंत्रालोक के परीक्षण पूर्वक यह मत व्यक्त करते है कि आ0 अभिनव जहाॅं भी किसी आगम परम्परा और मत को उद्धधृत करते है तब वे उसके प्रति विपरीत और भ्रम-पूर्ण अवधारणा को खण्डित करते है75 और उसे उसके यथार्य स्वरूप में अपनी अद्वितीय मेधा द्वारा संस्थापित करते हैं।