त्रिभुवन नारायण सिंह वाक्य
उच्चारण: [ teribhuven naaraayen sinh ]
उदाहरण वाक्य
- चन्दौली से सन् 1952 में अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करने वाले दो राजनीतिक दिग्गज त्रिभुवन नारायण सिंह व पं. कमलापति त्रिपाठी ने उत्तर प्रदेश सरकार की बागडोर संभाली।
- उनकी प्रेरणा के लिए त्रिभुवन नारायण सिंह का उदाहरण काफी होता, जिन्हें साठ के दशक में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री रहते हुए उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।
- श्री त्रिभुवन नारायण सिंह जी ने उल्लेख किया है कि सन् १९५० में जब वे कांग्रेस के सभापति चुने गए तो उन्होंने अपना अभिभाषण हिन्दी में लिखा और अंग्रेजी अनुवाद मैंने किया।
- 1969 मे उनके स्थानपर संविद ने लाल बहादुर शास्त्री जी के मित्र और राज्यसभा सदस्य त्रिभुवन नारायण सिंह को मुख्यमंत्री बना दिया था जिनको गोरखपुर के मनीराम क्षेत्र से चुनाव लड़ाया गया था।
- इससे पहले १ ९ ७ १ में उत्तर प्रदेश में त्रिभुवन नारायण सिंह इसी तरह उपचुनाव में पराजित हो गये थे और इस तरह २ ८ साल बाद उस इतिहास का पुनरावर्तन हुआ है।
- त्रिभुवन नारायण सिंह को एक अदने से कांग्रेसी कार्यकर्ता रामकृष्ण द्विवेदी ने हराया था तो शिबू सोरेन को हार उनके ही मंत्री रहे एनोस एक्का के एक नामालूम से कार्यकर्ता राजा पीटर ने हराया है।
- श्री त्रिभुवन नारायण सिंह जी ने उल्लेख किया है कि सन् १ ९ ५ ० में जब वे कांग्रेस के सभापति चुने गए तो उन्होंने अपना अभिभाषण हिन्दी में लिखा और अंग्रेजी अनुवाद मैंने किया।
- पं. गोविंद वल्लभ पंत, बाबू सम्पूर्णानंद, चन्द्र भानु गुप्ता, त्रिभुवन नारायण सिंह, चैधरी चरण सिंह, हेमवती नंदन बहुगुणा, वीर बहादुर सिंह और नारायण दत्त तिवारी सरीखे नेता मुख्यमंत्री बने।
- बन्दरसभा महाकाव्य (राजर्षि टण्डन जन्मशती विशेषांक, सम्मेलन पत्रिका) पृ ०-१ ९ १ ५. भारतरत्न राजर्षि टण्डन: रूढ़िवाद के कट्टर विरोधी, त्रिभुवन नारायण सिंह, पृ ०-५५ ६.
- बाद में वे युवा कांग्रेस में शामिल हुए और उन्होंने इंदिरा कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर उस त्रिभुवन नारायण सिंह को चुनावी मैदान में पटखनी दी-जिन्हें उत्तर प्रदेश की सियासत के ताकतवर नेता चंद्रभानु गुप्त का समर्थन था।