दशम मण्डल वाक्य
उच्चारण: [ deshem mendel ]
उदाहरण वाक्य
- जिस सूक्त का उदाहरण दिया गया वह मनुस्मृति नहीं अपितु ऋग्वेद के दशम मण्डल का सूक्त है।
- ॠग्वेद के अनुशीलन से हम देखते हैं दशम मण्डल में नैतिकता की अधिक विकसित विचारधारायें हैं ।
- डा 0 अम्बेडकर इस प्रथम अध्याय में ऋग्वेद के दशम मण्डल के नब्बें स्तोत्र पुरूष सूक्त से प्रारम्भ करते हैं।
- ऋग्वेद के दशम मण्डल के 102 वें सूक्त में राजा मुद्गल एवं मुद्गालानी की कथा वर्णित है और उसे युद्ध में विजय दिलाती है।
- तृतीय मण्डल के साथ ही प्रथम, नवम तथा दशम मण्डल की कतिपय ऋचाओं के द्रष्टा विश्वामित्र के मधुच्छन्दा आदि अनेक पुत्र हुए हैं।
- यह वही महासंकल्प है, जो ऋग्वेद के दशम मण्डल के रोग निवारण सूक्त के पंचम मंत्र के ऋषि विश्वामित्र की अन्तर्चेतना में गूँजा था।
- ऋग्वेद के दशम मण्डल में महर्षि अत्रि के तपस्या अनुष्ठान का वर्णन है एवं अश्विनीकुमारों ने इन्हें यौवन प्रदान किया इस तथ्य को व्यक्त किया गया है.
- ऋग्वेद संहिता के दशम मण्डल के १ २ ५ वें सूक्त में देवीसूक्त के नाम से जो आठ मन्त्र हैं, वे इन्हीं की अनुभूति एवं अभिव्यक्ति हैं।
- ऋग्वेद के दशम मण्डल के पचासीवें सूक्त में कहा गया है कि चन्द्रमा नक्षत्रों के मध्य विचरण करता है, इससे इसमें सोमरस रखा है-अथो नक्षत्राणामेषामुपस्थे सोम आहित:।
- ऋग्वेद के दशम मण्डल के 125 वें सूक्त में आदि शक्ति जगदंबा जी कहती हैं, '' मैं ब्रह्मांड की अधीश्वरी हूं, मैं ही सारे कर्मों का फल प्रदान करने वाली तथा ऐश्वर्य देने वाली हूं।