दूर गगन की छाँव में वाक्य
उच्चारण: [ dur gagan ki chhaanev men ]
उदाहरण वाक्य
- १ ९ ६ ४ में जारी फिल्म ' दूर गगन की छाँव में ' फिल्म का शैलेन्द्र का लिखा गीत ' आ चल के तुझे, मैं ले के चलूँ इक ऐसे गगन के तले ' ।
- दूर गगन की छाँव में, बँधी हैं बेडियाँ पाँव में जहाँ नहीं कोई भी वंधन हो बस प्रेम प्यार ही बंदन हो चलो रे मन उस गाँव में दूर गगन की छाँव में, बँधी हैं बेडियाँ पाँव में ।।
- बेडियाँ दूर गगन की छाँव में, बँधी हैं बेडियाँ पाँव में जहाँ नहीं कोई भी वंधन हो बस प्रेम प्यार ही बंदन हो चलो रे मन उस गाँव में दूर गगन की छाँव में, बँधी हैं बेडियाँ पाँव में ।।
- इन बॉम्बे, दूर गगन की छाँव में (आ चल के तुझे मैं लेकर चलूं), 1965 में श्रीमान फंटूस का गाना (वो दर्द भरा अफ़साना)...अभी किसी ब्लॉग पर पढ़ रहा था कि जितने भी बड़े स्टेज शो हुए, लगभग सभी में किशोर ने इस गीत को दोहराया।
- फ़िल्म-दूर गगन की छाँव में गायक-किशोर कुमार संगीत-किशोर कुमार गीतकार-किशोर कुमार आ चल के तुझे, मैं ले के चलूं इक ऐसे गगन के तले जहाँ ग़म भी न हो, आँसू भी न हो बस प्यार ही प्यार पले इक ऐसे गगन के तले सूरज की पहली किरण से, आशा का सवेरा जागे (२)
- उसी मुलाक़ात में जब मनोज जी से यह पूछा गया था कि शैलेन्द्र जी के पसंदीदा गीतों का ज़िक्र कीजिये, तो ' बंदिनी ', ' संगम ' और ' दूर गगन की छाँव में ' जैसी फ़िल्मों के गानों के साथ साथ ' यहूदी ' के इस गीत की भी बात छिड़ी थी, ख़ुद मनोज जी के शब्दों में-“ there are some songs which I also distinctly remember baba enjoyed and recited in front of us, one of them was from Yahudi-” ये मेरा दीवानापन है “ ” ।