देवराज दिनेश वाक्य
उच्चारण: [ deveraaj dinesh ]
उदाहरण वाक्य
- जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, मैथिलीशरण गुप्त, देवराज दिनेश, रामधारी सिंह दिनकर और गोपालदास नीरज आदि को अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति के लिए अंग्रेजी की शरण में जाने की आवश्यकता कभी नहीं हुई।
- देवराज दिनेश, उदयशंकर भट्ट, भगवतीचरण वर्मा, प्रभाकर माचवे, जयनाथ नलिन, बेढब बनारसी, कांतानाथ चोंच,” भैया जी बनारसी, गोपालप्रसाद व्यास, काका हाथरसी, आदि अनेक सज्जनों ने अनेक विधाओं में रचनाएँ की हैं और हास्यरस के साहित्य को खूब समृद्ध किया है।
- जयशंकरप्रसाद, सुमित्रानंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, मैथलीशरण गुप्त, देवराज दिनेश, रामधारी सिंह दिनकर और गोपालदास नीरज आदि को अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति के लिए अंगरेजी की शरण में जाने की आवश्यकता कभी अनुभव नहीं हुई।
- देवराज दिनेश, उदयशंकर भट्ट, भगवतीचरण वर्मा, प्रभाकर माचवे, जयनाथ नलिन, बेढब बनारसी, कांतानाथ चोंच, भैया जी बनारसी, गोपालप्रसाद व्यास, काका हाथरसी, श्रीलाल शुक्ल आदि अनेक सज्जनों ने अनेक विधाओं में रचनाएँ की हैं और हास्यरस के साहित्य को खूब समृद्ध किया है।
- जहाँ तक याद पड़ता है इस कवि सम्मेलन में गोपालदास नीरज, देवराज दिनेश, वीरेंद्र मिश्र, रामावतार त्यागी, राघेश्याम प्रगल्भ के साथ-साथ युवा कवियों में विजयकिशोर मानव, प्रमोद तिवारी, असीम शुक्ला थे तो नव काव्य से जुड़े अजित कुमार एवं इंदुलैन भी थे।
- उसी दौर में बच्चों की सुप्रसिद्ध पत्रिका ‘ पराग ' में-बहत्तर साल का बच्चा: आबिद सुरती, चींटीपुरम के भूरेलाल: मुद्राराक्षस, भागे हुये डैडी: के 0 पी 0 सक्सेना, नागराजवासुकी की मणि: देवराज दिनेश तथा शाबास श्यामू: डा 0 श्रीप्रसाद आदि धारावाहिक उपन्यास प्रकाशित हुये थे।
- , शरद जोशी, इलाचंद्र जोशी, रमानाथ अवस्थी, देवराज दिनेश, डॉ. शिवमंगल सिंह सुमन, कविवर दिनकर, महादेवी वर्मा, रामनारायण उपाध्याय, बालकवि बैरागी, गिरिवरसिंह भँवर, दिनकर सोनवलकर, देवव्रत जोशी जैसे साहित्यिक हस्ताक्षरों की दुर्लभ रेकॉर्डिंग्स मालवा हाउस से बज कर पूरी मालवा-निमाड़ जनपद को आनंदित करती रही है.
- बस पुराने और मेहबूब जी जैसे लोगों के साथ एक ही बात है कि इन लोगों को कभी अच्छा प्रमोटर नहीं मिला अन्यथा वरिष्ठ कवि नीरज, माया गोविंद, सोम ठाकुर, काका हाथरसी, निर्भय हाथरसी, देवराज दिनेश और वीरेन्द्र मिश्र जैसे नामचीन कवियों के साथ काव्य-पाठ कर चुके रमेश मेहबूब का नाम आज देश के शीर्षस्थ कवियों में सम्मिलित किया जा सकता.
- जैसे जब मुझे और मेरे बच्चों को यह जानकर होता है कि मेरे पिता और उनके दादा ने दिनकर, बच्चन, शैलेंद्र, कैफ़ी आज़मी, डॉ. सुमन, नीरज, वीरेद्र मिश्र, रमानाथ अवस्थी, देवराज दिनेश, बालकवि बैरागी, गोपालसिंह नेपाली, इंदीवर, काका हाथरसी जैसे अनेक मूर्धन्य कवि-गीतकारों को देखा, सुना और इनमें से कइयों के साथ काव्यपाठ भी किया है.
- भवानी प्रसाद मिश्र, महादेवी वर्मा, आचार्य जानकी बल्लभ शास्त्री, दिनकर, पंत, बच्चन, नरेश मेहता, ठाकुर प्रसाद सिंह, वीरेन्द्र मिश्र और उमाकान्त मालवीय के साथ मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज करने वाले माहेश्वर के साथ कविता करने वाले नयी पीढ़ी के नईम, ओम प्रभाकर, कैलाश गौतम, रमेश रंजक, शांति सुमन, स्नेहलता स्नेह, भारत-भूषण, रमानाथ अवस्थी, नीरज, रामावतार त्यागी, देवराज दिनेश, डॉ ० बुद्धिनाथ मिश्र और सोम ठाकुर प्रमुख रहे।