देशबंधु चितरंजन दास वाक्य
उच्चारण: [ deshebnedhu chiternejn daas ]
उदाहरण वाक्य
- देशबंधु चितरंजन दास की कही बात “ बंगाल के जल, बंगाल की मिट्टी, में एक चितरंजन सत्य निहित है।
- 1922 में स्वराज पार्टी के बैनर तले कलकत्ता के महापौर बने देशबंधु चितरंजन दास ने उन्हें नगर पालिका का मुख्यकार्यकारी नियुक्त किया ।
- देशबंधु चितरंजन दास के आग्रह पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी रामजस बाबू से मिलने झरिया पहुंचे. बापू को उन्होंने 'तुम' कह कर संबोधन किया.
- 16 जनवरी 1921 को देशबंधु चितरंजन दास को सुभाष नें लिखा कि इनका इरादा आई. सी. एस. से त्यागपत्र देने का है।
- कलकत्ता में ये स्वतंत्रता आंदोलन के क्रांतिकारियों अरविंद घोष, देशबंधु चितरंजन दास, पं, झाबरमल शर्मा के संपर्क में आए और आज़ादी आंदोलन में कूद पड़े।
- इस हेतु नेता जी ने देशबंधु चितरंजन दास को १ ६ फरवरी १ ९ २ १ को एक पत्र लिखा जिसमे नेता जी लिखते है,-
- नेताजी के देश सेवा का सफर कोलकाता के स्वतंत्रता सेनानी देशबंधु चितरंजन दास की वजह से हुआ, देशबंधु से प्रेरित होकर नेताजी इंग्लैंड से भारत वापस आए ।
- कलकत्ता में ये स्वतंत्रता आंदोलन के क्रांतिकारियों अरविंद घोष, देशबंधु चितरंजन दास, पं, झाबरमल शर्मा के संपर्क में आए और आज़ादी आंदोलन में कूद पड़े।
- अशोक, चन्द्रगुप्त, कालीदास, रवीन्द्रनाथ टैगोर, सुभाष चन्द्र बोस, महात्मा गाँधी, दयानन्द, राजाराम-मोहनदाय, देशबंधु चितरंजन दास आदि महापुरुंष ने भी इस तुषार मंडित हिमिक्षेत्र में कहीं न कहीं अपना आसन जमाया था ।
- इसके लिए उनकी द्रष्टि देशबंधु चितरंजन दास पर गई जो अपनी लाखों रुपये कि मासिक आय वाली वकालत छोड़कर स्वतंत्रता आन्दोलन में कूद पड़े थे! इसलिए उन्होंने निर्णय लिया कि क्यूँ न मै स्वयं को देशबंधु के हाथों में समर्पित कर दूं...