धनी धर्मदास वाक्य
उच्चारण: [ dheni dhermedaas ]
उदाहरण वाक्य
- जिन्हें उनके शिष्यों ने बाँधोगढ नरेश और धनी धर्मदास के आदेश पर संकलित कर गृंथ का रूप दिया ।
- मगर मलिन तन-मन से, सखियों का भी मलिन रूप से आरती का होना धनी धर्मदास कठिन समझते हैं.
- पुस्तक “ धनी धर्मदास जीवन दर्शन एवं वंश परिचय ” के पृष्ठ 46 पर लिखा है कि ग्यारहवीं पीढ़ी को गद्दी नहीं मिली।
- कबीर और धनी धर्मदास की स्मृति में दामाखेड़ा में हर साल आयोजित होने वाला ' संत समागम समारोह ' खासा महत्व रखता है।
- कबीर नें धर्मदास को सारी संपत्ति दान करने के बाद ही धनी कहकर संबोधित किया तब से उन्हें धनी धर्मदास ही कहा जाने लगा।
- बताया जाता है कि इनमें से चार शिष्यों जागू साहेब, भगवान साहेब, श्रुतिगोपाल साहेब और धनी धर्मदास साहेब महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
- धनी धर्मदास जी फरमाते हैं कि ऐ मालिक, मैं तुम्हारी आरती कैसे करूँ? आरती करते समय स्वयं आरत बनकर हम अपने इष्ट को बाहरी रूप में सजाते हैं.
- छत्तीसगढ़ में धनी धर्मदास द्वारा स्थापित कबीरपंथ की वंशगद्दी में अब तक चौदह गुरु हो चुके हैं तथा वर्तमान में पंद्रहवें आचार्य गद्दी पर विराजमान हैं जिनका ब्यौरा इस तरह है-
- कबीर दास के शिष्य और उनके समकालीन (संवत 1520) धनी धर्मदास को छत्तीसगढ़ी के आदि कवि का दर्जा प्राप्त है, जिनके पदों का संकलन व प्रकाशन हरि ठाकुर जी ने किया है।
- कबीर दास के शिष्य और उनके समकालीन (संवत 1520) धनी धर्मदास को छत्तीसगढ़ी के आदि कवि का दर्जा प्राप्त है, छत्तीसगढ़ी के उत्कर्ष को नया आयाम दिया-पं.