ध्वन्यालोक वाक्य
उच्चारण: [ dhevneyaalok ]
उदाहरण वाक्य
- ध्वन्यालोक में “अनन्ता हि वाग्विकल्पा: ” कहकर अलंकारों की अगणेयता की ओर संकेत किया गया है।
- ऐसे विद्वान अपने उक्तमत के समर्थन में ध्वन्यालोक के अन्तिम श्लोक को आधार मानते हैं-
- ध्वन्यालोक में “अनन्ता हि वाग्विकल्पा: ” कहकर अलंकारों की अगणेयता की ओर संकेत किया गया है।
- ऐसे विद्वान अपने उक्तमत के समर्थन में ध्वन्यालोक के अन्तिम श्लोक को आधार मानते हैं-
- ध्वन्यालोक की टीका में इनका मत प्रभाकर के अनुसार कह गया है-“भाट्टं प्राभाकरं वैयाकरणं च पक्षं सूचयति”।
- इन्होंने पाँच ग्रंथों की रचना की है-विषमबाणलीला, अर्जुनचरित, देवीशतक, तत्वालोक और ध्वन्यालोक ।
- अपने काव्य-सिद्धांत के ग्रन्थ का नाम ' ध्वन्यालोक ', आचार्य आनंदवर्धन ने ठीक ही रखा है.
- ध्वन्यालोक में “ अनन्ता हि वाग्विकल्पा: ” कहकर अलंकारों की अगणेयता की ओर संकेत किया गया है।
- आनंदवर्धन ने ' ध्वन्यालोक ' में ' काव्यस्यात्मा ध्वनिरितिः ' कहते हुए एक नए सिद्धांत का प्रतिपादन किया. ५५
- ध्वन्यालोक के कर्ता आनन्दवर्धन ने भी धर्मोत्तर कृत प्रमाणविनिश्चय की टीका पर टीका लिखी है, किन्तु वह अनुपलब्ध है।