नंदी नाड़ी ज्योतिष वाक्य
उच्चारण: [ nendi naadei jeyotis ]
उदाहरण वाक्य
- इस विद्या के जन्मदाता भगवान शंकर के गण नंदी हैं इसी कारण इसे नंदी नाड़ी ज्योतिष विद्या कहा जाता है।
- नंदी नाड़ी ज्योतिष (Nandi Nadi Jyotish) मूल रूप से दक्षिण भारत में अधिक लोकप्रिय और प्रचलित है.
- यहाँ हम जानते हैं कि ताड़ पत्र द्वारा भविष्य बताए जाने वाली विद्या नंदी नाड़ी ज्योतिष विज्ञान के बारे में।
- कभी-कभी ज्योतिषियों द्वारा परिकलित जन्मकुंडली में ग्रहों के भाव तथा नंदी नाड़ी ज्योतिष के ग्रहों के भाव में अंतर पाया जाता है।
- नंदी नाड़ी ज्योतिष में ऊपर वर्णित बारह भावों के अतिरिक्त चार और भाव भी होते हैं जिन्हें अध्याय या कंडम कहते हैं।
- नंदी नाड़ी ज्योतिष में उल्लिखित घटनाक्रम के दिन व समय को ज्योतिषीगण विभिन्न पंचांगों के आधार पर गणना कर निर्धारित कर सकते हैं।
- नंदी नाड़ी ज्योतिष बी. पी. विश्वकर्मा अनेक विद्वान केवल जन्मकुंडली विश्लेषण को ही भविष्य कथन के लिए श्रेष्ठ विधि मानते हैं।
- 4. नंदी नाड़ी ज्योतिष:-यह मूल रूप से दक्षिण भारत में प्रचलित विद्या है जिसमें ताड़पत्र के द्वारा भविष्य जाना जाता है।
- 4. नंदी नाड़ी ज्योतिष:-यह मूल रूप से दक्षिण भारत में प्रचलित विद्या है जिसमें ताड़पत्र के द्वारा भविष्य जाना जाता है।
- भगवान शंकर के गण नदी द्वारा जिस ज्योतिष विधा को जन्म दिया गया उसे नंदी नाड़ी ज्योतिष (Nandi Nadi Astrology) के नाम से जाना जाता है.