नव्य न्याय वाक्य
उच्चारण: [ nevy neyaay ]
उदाहरण वाक्य
- प्राचीन न्याय की भाषा सरल और पदार्थविवेचन स्थूल है तथा नव्य न्याय की भाषा जटिल और पदार्थविवेचन सूक्ष्म है।
- गंगेश उपाध्याय (12 वीं शताब्दी) की “ तत्वचिंतामणि ” से नवद्वीप में नव्य न्याय की परंपरा का आरंभ हुआ।
- नव्य न्याय, भारतीय दर्शन का एक सम्प्रदाय (school) है जो मिथिला के दार्शनिक गंगेश उपाध्याय द्वारा तेरहवीं शती में प्रतिपादित किया गया।
- बाहरवीं शताब्दी के बाद तो, तथाकथित नव्य न्याय के प्रवर्तन के बाद, न्याय दर्शन पूर्णतया प्रमाण मीमांसा में समाहित हो गया।
- नव्य न्याय के अनविष्कार के बाद बात बदलने की सुविधा जब समाप्त हो गई तो आज की पीएच. डी. के विषयों की मौलिकता वाली समस्या आ खड़ी हुई।
- नव्य न्याय का विशिष्ट पांडित्य प्राप्तकर इन्होंने जैन सिद्धांतों के समर्थन में अनेक महत्वपूर्ण ग्रंथों की रचना की जिनमें “तर्कभाषा”, “न्यायरहस्य”, “न्यायखंडन खाद्य”, “शास्त्रवार्ता समुच्चय” आदि विशेष रूप से उल्लेख्य हैं।
- श्री चन्द्रमणिजी के परलोकवासी हो जाने पर सन 1944 में श्रीसांगवेद महाविद्यालय नरवर (बुलंदशहर) के रत्न, विद्वान शिरोमणि, शास्त्रार्थ महारथी, नव्य न्याय व्याकरण वेदान्ताचार्य श्री पं. सत्यव्रत शर्मा इस विद्यालय के प्रधानाचार्य के पद पर आसीन हुए.
- न्याय प्रणाली गौतम और उनके महत्त्वपूर्ण आरंभिक भाष्यकार वात्स्यायन (लगभग 450 ई.) से लेकर उदयन (10 वीं शताब्दी) तक ' प्राचीन न्याय ' के रूप में स्थापित रही, जब तक कि बंगाल में न्याय के नए मत (नव्य न्याय या नया न्याय) का उदय नहीं हुआ।