नासिर अहमद सिकंदर वाक्य
उच्चारण: [ naasir ahemd sikender ]
उदाहरण वाक्य
- रोहिताश्व ने की और सत्र के प्रमुख वक्ता थे-बाँदा से पधारे कवि नरेन्द्र पुण्डरीक, कोलकाता के कवि व आलोचक प्रफुल्ल कोलख्यान व भिलाई के कवि नासिर अहमद सिकंदर ।
- संगोष्ठी में काफी संख्या में कवि, साहित्यकार, पत्रकार उपस्थित थे, जिसमें मुख्य रूप से श्री शरद कोकास, श्री नासिर अहमद सिकंदर, कवियित्री श्रीमती शकुन्तला शर्मा, प्रो.
- ज्ञातव्य हो कि इसके पहले नासिर अहमद सिकंदर, एकांत श्रीवास्तव (1997), कुमार अंबुज (1998), विनोदास (1999), गगन गिल (2000), हरिश्चंद्र पांडेय (2001), अनिल कुमार सिंह (2002), हेमंत कुकरेती (2003), नीलेश रघुवंशी (2004), आशुतोष दुबे (2005)
- १ ९९ ७ से शुरू किए गए सूत्रा सम्मान से अब तक देश के चर्चित युवा कवि अशोक साह, नासिर अहमद सिकंदर, रजत कृष्ण, निर्मल आनंद, एकांत श्रीवास्तव, अग्निशेखर, बसंत त्रिापाठी, सुरेश सेन निशांत, केशव तिवारी आदि को सम्मानित किया जा चुका है।
- इस रचना शिविर में समकालीन कविता: भाव, मूल्य और सरोकार व समकालीन कविता: शिल्प और संप्रेषणीयता सत्र की अध्यक्षता प्रतिष्ठित आलोचक व गोवा विश्वविद्यालय के प्रो.रोहिताश्व ने की और सत्र के प्रमुख वक्ता थे-बाँदा से पधारे कवि नरेन्द्र पुण्डरीक, कोलकाता के कवि व आलोचक प्रफुल्ल कोलख्यान व भिलाई के कवि नासिर अहमद सिकंदर ।
- १ ९ तारीख को सुबह नाश्ते के पश्चात् तीसरे सत्र की शुरुआत हुई जिसका सञ्चालन किया कवि बसंत त्रिपाठी ने और अध्यक्षता की वरिष्ट कवि मलय जी और लीलाधर मंडलोई जी ने! यहाँ संध्या नवोदिता, प्रांजल धर, नासिर अहमद सिकंदर, हरिओम राजौरिया, बसंत त्रिपाठी, पंकज राग, लीलाधर मंडलोई और मलय जी ने काव्य पाठ किया! लीलाधर जी ने सतपुड़ा के जंगलों पर आधारित अपने काव्य संकलन से कवितायेँ सुनकर सभी को कन्हर (कान्हा का स्थानीय नाम) और वहां रहने वाले जीव जंतुओं के भरपूर दर्शन कराये!
- ये कविता संग्रह है-‘ बेतरतीब ' कवि (प्रभात त्रिपाठी, रायगढ़), ‘ सीढ़ी उतरती है अँधेरे गर्भ गृह में ' (विश्वजीत सेन, पटना), ‘ भूलवश और जानबूझकर ' (नासिर अहमद सिकंदर, भिलाई), ‘ अबोले के विरूद्ध ' (जयप्रकाश मानस, रायपुर), ‘ राजा की दुनिया ' (बी. एल. पाल, दुर्ग), ‘ किताब से निकलकर प्रेम कहानी ' (कमलेश्वर साहू, दुर्ग), ‘ चाँदनी थी द्वार पर ' (सुरेश पंडा, रायपुर) ।