निरंकार देव सेवक वाक्य
उच्चारण: [ nirenkaar dev sevek ]
उदाहरण वाक्य
- आज जहूरबख्श, विष्णु प्रभाकर, निरंकार देव सेवक, श्रीप्रसाद, राष्ट्रबंधु, विनोदचंद पांडेय, हरिकृष्ण देवसरे, जयप्रकाश भारती, चन्द्रपाल सिंह यादव मयंक जैसे रचनाकारों जैसा समर्पण और प्रतिबद्धता अतीत की बात हो गयी है।
- परंपरा को खोजते हुए वे श्री निरंकार देव सेवक की महाकवि सूरदास को सफल बाल गीतकार न मानने की धारणा से भिन्न, स्नेह अग्रवाल के मत का समर्थन करते हुए सूरदास को ही बाल-साहित्य का आदि गुरु मानते हुए प्रतीत होते हैं।
- परंपरा को खोजते हुए वे श्री निरंकार देव सेवक की महाकवि सूरदास को सफल बाल गीतकार न मानने की धारणा से भिन्न, स्नेह अग्रवाल के मत का समर्थन करते हुए सूरदास को ही बाल-साहित्य का आदि गुरु मानते हुए प्रतीत होते हैं।
- अभी कुछेक साल पहले जब मुझे पता चला कि निरंकार देव सेवक (जिनके डाक्टर बच्चन से निकट के संबंध थे) का संबंध बरेली से रहा है तब मैने यूं ही अपने छॊटे चाचा जी (स्व कमलाकर शर्मा) से उनके बारे में पूछा ।
- हमें, हिन्दी के अत्यंत महत्त्वपूर्ण बाल साहित्यकार ऒर चिन्तक निरंकार देव सेवक से शब्द लेकर कहूं तो ' बच्चों की जिज्ञासाओं, भावनाओं ऒर कल्पनाओं को अपना बनाकर उनकी दृष्टि से ही दुनिया को देखकर जो साहित्य बच्चों को भी सरल भाषा में लिखा जाए, वही बच्चों का अपना साहित्य होता हॆ।
- आरसी प्रसाद सिंह, सोहन लाल द्विवेदी, द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी, निरंकार देव सेवक, श्री प्रसाद, अमृत लाल नागर, प्रमोद जोशी, रमेश तैलंग, प्रकाश मनु, डा शेरजंग गर्ग, अमर गोस्वामी, हरि कृष्ण देवसरे, शंकर बाम, राष्ट्र बन्धु, जगत राम आर्य आदि की एक लम्बी परम्परा है ।
- पहले बाल कवि का मुद्दा बहुत पुराना है, हिंदी बाल साहित्य के आदि समीक्षक निरंकार देव सेवक जी इस विषय पर अपने ग्रन्थ '' बाल गीत साहित्य '' (प्रकाशन वर्ष-1966, प्रकाशक-किताब महल, इलाहाबाद) में विस्तार से लिख चुके हैं मैंने भी इस विषय पर अपनी समीक्षा कृति '' बाल साहित्य के प्रतिमान '' में चर्चा की है.
- समीक्षात्मक / परिचयात्मक पुस्तकें हिन्दी बाल साहित्यः एक अध्ययन-डा0 हरिकृष्ण देवसरे-आत्माराम एण्ड संस, नई दिल्लीबालगीत साहित्यः इतिहास और समीक्षा-निरंकार देव सेवक-हिन्दी संस्थान, लखनऊहिन्दी बाल साहित्य की रूपरेखा-डा0 श्रीप्रसाद-लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद हिन्दी बाल कविता का इतिहास-प्रकाश मनु-मेधा बुक्स, नई दिल्लीभारतीय बाल साहित्य के विविध आयाम-उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, ब्लॉगवाणी: एक ‘प्राइमरी का मास्टर' क्या-क्या कर सकता है?