पुरुषसूक्त वाक्य
उच्चारण: [ purusesuket ]
उदाहरण वाक्य
- ऋग्वेद के पुरुषसूक्त में ही भारत की जाति-व्यवस्था के चिह्न मिलते हैं.
- चातुर्मासमें प्रतिदिन भगवान विष्णु के समक्ष पुरुषसूक्त का जप करने से बुद्धि कुशाग्र होती है।
- वर्ण व्यवस्था के सम्बन्ध में ऋग्वेद के ‘ पुरुषसूक्त ' में निम्नलिखित श्लोक मिलता है-
- इसके पश्चात् यदि संभव हो तो ‘ श्री विष्णु सहस्रनाम या पुरुषसूक्त का एक पाठ करें।
- कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह भगवान विष्णु का पूजन एवं पुरुषसूक्त ऋचाओं से पंचामृत से अभिषेक किया गया ।
- यह कथन एक तरह से ऋग्वेद के उपरोक्त पुरुषसूक्त (10/7/90) के कथन को ही स्वीकार-सा करता लगता है।
- ऋग्वेद के पुरुषसूक्त (10.90) में वर्णों के चार विभाजन के सन्दर्भ में इसका जाति के अर्थ में प्रयोग हुआ है।
- अश्वत्थ व्रत या सेवा करते समय ब्रह्मचर्य का पालन और विष्णुसहस्रनाम, पुरुषसूक्त तथा अश्वत्थ स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
- पुरुषसूक्त में कहा है--प्रकृति ने जिनतत्वों से ब्राह्मण बना है वह सृष्टा का एक पाद है, और तीन पाद शेष हैं.
- चौमासे में जो भक्त भगवान विष्णु के समक्ष प्रतिदिन पुरुषसूक्त का पाठ करता है, वह शीघ्र ही विद्वानों में श्रेष्ठ हो जाता है।