पुरुषोत्तमदेव वाक्य
उच्चारण: [ purusotetmedev ]
उदाहरण वाक्य
- सीरदेव की परिभाषावृत्ति, पुरुषोत्तमदेव की परिभाषावृत्ति, विष्णुशेष का परिभाषाप्रकाश और नागेश का परिभाषेंदुशेखर पठनीय हैं।
- पुरुषोत्तमदेव (समय ११५९ ई० के पूर्व)-संस्कृत में पाँच कोंशों के निर्माता माने गए हैं ।
- पुरुषोत्तमदेव ने अपने त्रिकांडशेष अभिधानकोश में कात्यायन के ये नाम लिखे हैं-कात्य, पुनर्वसु, मेधाजित् और वररुचि।
- पुरुषोत्तमदेव ने अपने त्रिकांडशेष अभिधानकोश में कात्यायन के ये नाम लिखे हैं-कात्य, पुनर्वसु, मेधाजित् और वररुचि।
- काशिका की पद्धति पर लिखे गए ग्रंथों में भागवृत्ति (अनुपलब्ध), पुरुषोत्तमदेव (ग्यारहवीं शताब्दी) की भाषावृत्ति और भट्टोजि दीक्षित (ई.
- काशिका की पद्धति पर लिखे गए ग्रंथों में भागवृत्ति (अनुपलब्ध), पुरुषोत्तमदेव (ग्यारहवीं शताब्दी) की भाषावृत्ति और भट्टोजि दीक्षित (ई.
- डॉ. हीरालाल शुक्ल मानते हैं कि कलचुरियों से युद्ध में 1534 ई. में राजा पुरुषोत्तमदेव की मृत्यु हुई।
- पुरुषोत्तमदेव ने अपने त्रिकांडशेष अभिधानकोश में कात्यायन के ये नाम लिखे हैं-कात्य, पुनर्वसु, मेधाजित् और वररुचि।
- दसवीं और तेरहवीं शती के बीच किसी समय पुरुषोत्तमदेव ने अमरकोश के परिशिष्ट के रूप में त्रिकांडशेष नामक कोश प्रस्तुत किया।
- इस संदर्भ को समझने के लिये काकतीय / चालुक्य नरेश पुरुषोत्तमदेव के शासन काल की कुछ प्रमुख विशेषताओं का अवलोकन किया जाना आवश्यक है।