पेगन वाक्य
उच्चारण: [ pan ]
उदाहरण वाक्य
- कला को ' पेगन ' कहते हैं, विश्वास और अन्धविश्वास में फर्क न कर पाती हुई, अंधेरे में डूबी रोशनी से कतराती हुई, जिसने किताब को नहीं पहचाना।
- से संस्थाएँ स्वयं पितृसत्तात्मक हैं-तमाम तरह की सामाजिक संस्थाएँ जिनमें मैं उन सामाजिक संस्थाओं को भी शामिल करूँगा, जिनके मूलाधार पेगन रहे हैं, और जहाँ पर ऐसा नहीं होना चाहिए था।
- से संस्थाएँ स्वयं पितृसत्तात्मक हैं-तमाम तरह की सामाजिक संस्थाएँ जिनमें मैं उन सामाजिक संस्थाओं को भी शामिल करूँगा, जिनके मूलाधार पेगन रहे हैं, और जहाँ पर ऐसा नहीं होना चाहिए था।
- कुल मिलाकर यह एक उदार मानवतावादी मूल्य-व्यवस्था, अतीत-वर्तमान-भविष्य की एकरैखिक कालदृष्टि, और एक सेमेटिक धार्मिकता की शक्ति-ज्ञान-शक्ति-मूलक पदावली में भारत की पेगन अन्तश्चेतना को उसकी सम्पूर्णता में दुर्विनियोजित, उपनिवेशीकृत करता हुआ अनुवाद था।
- और उससे पूर्व पेगन धर्मों में आधी तूफान, बिजली, बरसात, सूरज, आसमान, इत् यादि-इत् यादि नैसर्गिक शक् तियों को मानवीय रूप देकर देवताओं की शकल में पूजा गया है।
- [28] बाद में उन्होंने मई 1954 में, ब्रिगाडून, द कॉन्सटेंट निम्फ, बंगाल ब्रिगेड, और द सेवेन इअर इच के लिए कोशिश की, फिर साइन ऑफ़ द पेगन (जून), स्मोक सिग्नल (अगस्त), और एबट एंड कॉस्टेलो मीट द कीस्टोन कोप्स (सितम्बर), और किसी में सफलता नहीं मिली.
- दूसरे प्रचलित मत के अनुसार राजा क्लौडियस के राज्य में वैलेंटाइन नामके एक पुजारी रोम में रहते थे (क्रिस्चियानिटी से पहले पेगन धर्म था जिसमें अग्नि और सूरज आदि प्राकृतिक तत्वों के मंदिर बनाए जाते थे जहां इनकी मूर्तियां स्थापित की जाती थीं और विधिवत पूजा वगैरह होती थी।)
- इसै धर्मं में परिवर्तित होने वाल आखिरी भाग था इस लिए इसका पेगन माने का तरीका क्रिसमस पैर ज्यादा प्रभाव डालता है स्कान्दिनाविया के लोग अभी भी क्रिसमस कों अंग्रेजी में ' कहते. हैं गेर्मन शब्द युले क्रिसमस [17] का पर्यायवाची है जो कथित फेले बार ९०० में प्रयोग हुआ
- चुकी उत्तरी एउरोपे (Northern Europe) इसै धर्मं में परिवर्तित होने वाल आखिरी भाग था इस लिए इसका पेगन माने का तरीका क्रिसमस पैर ज्यादा प्रभाव डालता है स्कान्दिनाविया के लोग अभी भी क्रिसमस कों अंग्रेजी में '”'कहते. हैं गेर्मन शब्द युले क्रिसमस का पर्यायवाची है जो कथित फेले बार ९०० में प्रयोग हुआ
- अंजुम हसन के उपन्यास लुनेटिक इन माय हैड को प्रस्थान बिन्दु बनाकर लिखा गया चंद्रहास चौधरी का लेख शेक्सपियर के बारे में भारतीय पूर्वग्रहों का एक दिलचस्प वृतांत है. के.एन.पणिक्कर के रंगमंच पर उदयन वाजपेयी का निबंध पेगन सौंदर्यशास्त्र के पक्ष में तर्कणा करते हुए पणिक्कर की कालिदास पुनः(प्रस्तुतियों) को इस सौंदर्यशास्त्र में अवस्थित करता है.