प्रतापसाहि वाक्य
उच्चारण: [ pertaapesaahi ]
उदाहरण वाक्य
- बलभद्र मिश्र, केशव, खुमान, प्रतापसाहि आदि इस क्षेत्र के रीतिकवियों ने ख्यात नखाखि ग्रंथों की रचना की है और इस परंपरा में बुंदेलखंड का योगदान महत्त्वपूर्ण रहा है ।
- प्रतापसाहि का यह कौशल अपूर्व है कि उन्होंने एक रस ग्रंथ के अनुरूप नायिकाभेद के क्रम से सब पद्य रखे हैं जिससे उनके ग्रंथ को जी चाहे तो नायिकाभेद का एक अत्यंत सरस और मधुर ग्रंथ भी कह सकते हैं।
- नायं सुधांशु: किं तर्हि सुधांशु: प्रेयसीमुखम् भाषाभूषण पर पीछे तीन टीकाएँ रची गईं, ' अलंकार रत्नाकर ' नाम की टीका जिसे बंशीधार ने संवत् 1792 में बनाया, दूसरी टीका प्रतापसाहि की और तीसरी गुलाब कवि की ' भूषणचंद्रिका ' ।