प्रतीत्यसमुत्पाद वाक्य
उच्चारण: [ pertiteysemutepaad ]
उदाहरण वाक्य
- बारह तीले प्रतीत्यसमुत्पाद का आरंभ के १ २ सिद्धांतों को दर्शाते हैं ४.
- बुद्ध ईश्वर की सत्ता नहीं मानते क्योंकि दुनिया प्रतीत्यसमुत्पाद के नियम पर चलती है ।
- बुद्ध ईश्वर की सत्ता नहीं मानते क्योंकि दुनिया प्रतीत्यसमुत्पाद के नियम पर चलती है ।
- इसलिए इस प्रतीत्यसमुत्पाद युक्ति के द्वारा कुदृष्टि के समस्त जानों का समुच्छेद किया जाता है।
- अविद्या-संस्कार-विज्ञान-नाम-रूप-षडायतन-स्पर्श-वेदना, तृष्णा, उपादान, भव, जाति, जरा, मरण इन द्वादश निदानों अथवा कारणों की परंपरा प्रतीत्यसमुत्पाद है।
- इसलिए प्रतीत्यसमुत्पाद यानी कार्यकारण की खोज अपुन को किसी अदृश्य सत्ता तक नहीं ले जाती.
- कुछ व्याख्याकारों ने प्रतीत्यसमुत्पाद का मम कार्य-कारण-भाव का बोध एवं उसका आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रयोग बताया है।
- यह पारमार्थिक धर्म तर्क का अगोचर था और उसके दो रूप निर्दिष्ट हैं-प्रतीत्यसमुत्पाद और निर्वाण।
- 1. अनीश्वरवा द बुद्ध ईश्वर की सत्ता नहीं मानते क्योंकि दुनिया प्रतीत्यसमुत्पाद के नियम पर चलती है।
- चौबीस तीले प्रतीत्यसमुत्पाद का आरंभ के १ २ और समाप्ति के १ २ सिद्धांतों को दर्शाते हैं ५.