प्राचीन भारतीय शिक्षा वाक्य
उच्चारण: [ peraachin bhaaretiy shikesaa ]
उदाहरण वाक्य
- प्राचीन भारतीय शिक्षा में ऋषियों के आश्रमों और गुरुकुलों में ‘‘ धार्मिक और नैतिक शिक्षा कुछ तो पुस्तकों और उपदेशों के आधार पर तथा कुछ आश्रमों में पारस्परिक सेवा, स्नेह और सहयोग के वातावरण से दी जाती थी, जिससे छात्र यह ज्ञान ग्रहण करते थे कि स्वयं असुविधा एवं कष्ट झेल कर भी दूसरों को सुख पहुंचना चाहिए तथा सहनशीलता का व्यवहार करना चाहिए।
- सच मानिये मुझे आज तक यह नहीं पता चल पाया कि वेद व्यास, तुलसीदास, कालिदास आदि जैसे प्रकाण्ड विद्वानों ने किस विश्वविद्यालय से पढ़ाई की थी या कौन सी डिग्री ली थी? तात्पर्य यह है कि प्राचीन भारतीय शिक्षा दर्शन तो भारत में था अब इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है तो फिर क्या ऐसी मजबूरी है कि स्वाधीनता प्राप्ति के बाद हम उस मैकाले की शिक्षा नीति को अपनाये हुए है जिसने खुद भारत में काले अंग्रेज तैयार करने के उद्देश्य से ऐसी विकृत शिक्षा नीति लागू की थी।