फिराक़ गोरखपुरी वाक्य
उच्चारण: [ firaak gaorekhepuri ]
उदाहरण वाक्य
- उर्दू जगत और शायरी की दुनिया में फिराक़ गोरखपुरी का अपना एक अलग ही वजूद है।
- 28 अगस्त 1896 को जन्मे रघुपति सहाय का फिराक़ गोरखपुरी बनने का सफ़र बड़ा रोचक रहा है।
- यह कडी लिखते समय यूँ ही फिराक़ गोरखपुरी साहब के शब्द याद आ गये, बांटना चाहता हूँ:
- फिराक़ गोरखपुरी पर लेख के बाद सागर चन्द नाहर जी की फिर फरमाइश है गुलजार की नज़्म की।
- फिराक़ गोरखपुरी मासूम है मोहब्बत, लेकिन इसी के हाथों ऐ जान-ए-इश्क़! मैंने तेरा बुरा भी चाहा (मासूम-
- खैर, यह तय हुआ कि एक-दो दिन में अख्तर साहब मुझे फिराक़ गोरखपुरी की फरमाइशी ग़ज़ल नोट करायेंगे।
- खैर, यह तय हुआ कि एक-दो दिन में अख्तर साहब मुझे फिराक़ गोरखपुरी की फरमाइशी ग़ज़ल नोट करायेंगे।
- [...] फिराक़ गोरखपुरी पर लेख के बाद सागर चन्द नाहर जी की फिर फरमाइश है गुलजार की नज़्म की।
- जून में फिराक़ गोरखपुरी के बारे में लिखे लेख पर टिप्पणी करते हुये राजीव खरे जी ने लिखा है:-
- जून में फिराक़ गोरखपुरी के बारे में लिखे लेख पर टिप्पणी करते हुये राजीव खरे जी ने लिखा है:-