बनही वाक्य
उच्चारण: [ benhi ]
उदाहरण वाक्य
- मैं वहाँ से सीधा दीदी के घर गया क्योंकि मैं ये सोचता था कि अब मेरा सहारा दीदी के घर तो बनही सकता है.
- लालू जी जो कहते हे वे करते हे लालू जी ने रेलवे मे देश का नाम रोशैन किया हे दुनिया मे देश किए पहचान बनही हे.
- सब लेखक एक दूसर ल बिन काटे भोंगे, एक दूसर के मदद करत प्रोत्साहित करत लेखन करही तब छत्तीसगढ़ में एक साहित्य के अइसना कोठी बनही जेमा कोनो भी परकार के सुरही तीर म नई आवय।
- संजीव तिवारी इस अंक में खने ला न कोड़े ला, धरे ल खबोसा मंगल कामना के दिन आय अक्ती काहनी: फंदी बेंदरा मानवता के पुजारी सत्य साईं बाबा हमर छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ी राजभासा कामकाज के भासा कब बनही जरूरत हावय रामराज के …
- इस अंक में खने ला न कोड़े ला, धरे ल खबोसा मंगल कामना के दिन आय अक्ती काहनी: फंदी बेंदरा मानवता के पुजारी सत्य साईं बाबा हमर छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ी राजभासा कामकाज के भासा कब बनही जरूरत हावय रामराज के आघू पढ़व 28/04/2011
- एक की जगह चार ट्रेक्टर हौहे और चारऊ तरफ तुम्हरेई खेत. बेटा नेता भओ तो काहे को डर. लएँ बन्दूक हमऊ ऊके साथ घूमत रैहैं. “ ” औ सुनो जो जा महिला विधेयक आ गयो तो भौजी बनही प्रधान और बहुरिया बनहै पार्टी की मंत्री.
- तो आप क्या कहना चाहते है, स्लतवाल्क जैसी हरकतों से इंसमाज सुधार जाएगा? अरे क्या पश्चिमी देशों में ब्लाटकार नही होते? नाबालिग लड़कियांज मा बनही बनती? ऐसे स्लुतवाल्क से वहाँ पर कुछ फायेदा हुआ जो यहाँ होगा? मिसटर अरिजीतआप किस पश्चिम सभ्यता की बात करते है?
- आपके आज तक के लेखन का सबसे घटिया / खराब आलेख..अब आप चुक रहे हैं शुक्ल जी!सच काहा आपने जो शीर्ष पर पहुंचे हुए होते हैं उन्हें दुश्चिंताएं घेरे रहती हैं-लुढ़क जानें की …..घबराएं नहीं मैं अब टीपता रहूंगा आप को जमींदोज होने से बचाने के लिए-त्रिशंकु तो बनही रहेंगे हमारे टिप्पणी बल से …..अब आपण तेज संभालो आपही-दूसरों को टिप्पणी बल देने का समय अब खत्म हुआ आपका-अपनी गद्दी बचाईये!
- आपके आज तक के लेखन का सबसे घटिया / खराब आलेख..अब आप चुक रहे हैं शुक्ल जी!सच काहा आपने जो शीर्ष पर पहुंचे हुए होते हैं उन्हें दुश्चिंताएं घेरे रहती हैं-लुढ़क जानें की …..घबराएं नहीं मैं अब टीपता रहूंगा आप को जमींदोज होने से बचाने के लिए-त्रिशंकु तो बनही रहेंगे हमारे टिप्पणी बल से …..अब आपण तेज संभालो आपही-दूसरों को टिप्पणी बल देने का समय अब खत्म हुआ आपका-अपनी गद्दी बचाईये!
- अब रुसवाईयों से क्या डरें? जब तन्हाईयाँ सरे आम हो गयीं? खता तो नही की थी एकभी, पर सजाएँ सरे आम मिल गयीं! काम बनही गया,जो रुसवा कर गए, ता-उम्र तन्हाई की सज़ा दे गए..! खिलने वाली थी... खिलनेवाली थी, नाज़ुक सी डालीपे नन्हीसी कली...! सोंचा डालीने,ये कल होगी अधखिली,परसों फूल बनेगी..! जब इसपे शबनम गिरेगी, किरण मे सुनहरी सुबह की ये कितनी प्यारी लगेगी! नज़र लगी चमन के माली की, सुबह से पहले चुन ली गयी..