बराहमिहिर वाक्य
उच्चारण: [ beraahemihir ]
उदाहरण वाक्य
- सन् ५८७ में वराहमिहिर की मृत्यु हो गई. बराहमिहिर वेदों के ज्ञाता थे मगर वह अलौकिक में आंखे बंद करके विश्वास नहींकरते थे.
- इससे यह तो पता चलता है कि बराहमिहिर से पूर्व ये सिद्धांतग्रंथ प्रचलित थे, किंतु इनके निर्माणकाल का कोई निर्देश नहीं है।
- तत्पश्चात् बराहमिहिर (शक संo 427) द्वारा संपादित सिद्धांतपंचिका है, जिसमें पेतामह, वासिष्ठ, रोमक, पुलिश तथा सूर्यसिद्धांतों का संग्रह है।
- बराहमिहिर की स्त्री खना चाहे यवनी रही हो, या न रही हो, उसने आदर से कहा है कि म्लेच्छ यवन भी ज्योतिष शास्त्र जानने से ऋषियों की तरह पूजे जाते हैं।
- प्रसिद्ध ज्योतिषी आर्यभट्ट, ब्रह्मगुप्त और बराहमिहिर तथा नैयायिक एवं दार्शनिक गौडपाद, कुमाररिल और प्रभाकर गुप्त-काल की महान विभूतियाँ हैं, अमरकोश के रचियता अमर तथा भामह-जैसे काव्यशास्त्र मर्मज्ञ भी गुप्तकाल में हुए ।
- यहाँ यह उल्लेख करना दिलचस्प होगा कि कईयों ने जो इन्हें निम्न जाति का मानने को तैयार भी थे उन्होंने भी बड़े अनोखे तरीके से डाक कि वंशावली बना डाली और इन्हें बराहमिहिर का संतान माना.
- हम यहां अपने महान गणितज्ञों जैसे आर्यभट्ट, ब्रह्मगुप्त, भास्कर, बराहमिहिर जैसे अनगिनत वैज्ञानिकों के महान योगदानों की विस्तृत चर्चा नहीं करने जा रहे हैं, इनके बारे में आप गूगल में सर्च कर सकते हैं।