बलदेव उपाध्याय वाक्य
उच्चारण: [ beldev upaadheyaay ]
उदाहरण वाक्य
- पता पर आचार्य पंण्डित बलदेव उपाध्याय ने वैदिक साहित्य और संस्कृति में विस्तार से विचार किया है।
- नागानंद नाटक की हिंदी व्याख्या आचार्य बलदेव उपाध्याय ने की है और उसकी एक विस्तृत भूमिका भी लिखी है।
- ↑ ब्राह्मण ग्रन्थों की श्रुतिरूपता पर आचार्य पंण्डित बलदेव उपाध्याय ने वैदिक साहित्य और संस्कृति में विस्तार से विचार किया है।
- आचार्य बलदेव उपाध्याय को भारत सरकार द्वारा सन १९८४ में साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
- इस तथ्य को वाणी देते हुए आचार्य बलदेव उपाध्याय लिखते हैं-‘‘शृंगार-शिरोमणि श्रीकृष्ण भगवत्-तत्त्व के प्रतिनिधि हैं और उनकी प्रेमी गोपिकाएं जीव की प्रतीक हैं।
- हजारी प्रसाद द्विवेदी, तेग अली, क्षेत्रेश चंद्र चट्टोपाध्याय, वागीश शास्त्री, बलदेव उपाध्याय, सुमन पांडेय (धूमिल) एवं विद्या निवास मिश्र और अन्य बहुत।
- 10 पं 0 बलदेव उपाध्याय ने डॉ 0 कृष्णदेव उपाध्याय की ष्भोजपुरी लोकगीतष् नामक पुस्तक की भूमिका में इसी तथ्य की पुष्टि करने का प्रयत्न किया है।
- पता नहीं किस संस्करण के आधार पर आचार्य बलदेव उपाध्याय ने जातक के अंतर्गत बोधिसत्त्व जीमूतवाहन की कथा को आधार मान कर उसका तुलनात्मक वर्णन एवं समीक्षा की है।
- द्रव्यों में गुण-बोधक चक्र भारतीय दर्शनसार नामक ग्रन्थ (पृ.240) में आचार्य बलदेव उपाध्याय ने कारिकावली के आधार पर द्रव्य में गुणों के अवस्थान की तालिका निम्नलिखित रूप से दी है-
- इसमें कलुषित कामना का रंच मात्र भी सम्बन्ध नहीं है! (पं ० बलदेव उपाध्याय-भारतीय दर्शन, पृ ० ७ १ २) हिंदी साहित्य का अधिकांश भाग राधा कृष्ण भक्ति से सम्बन्ध रखता है!