बाबूराव विष्णु पराड़कर वाक्य
उच्चारण: [ baaburaav visenu peraadeker ]
उदाहरण वाक्य
- यह भी याद नहीं कि किस तरह से एक मराठी-बाबूराव विष्णु पराड़कर ने हिंदी की नींव रखी।
- गणेश शंकर विद्यार्थी और बाबूराव विष्णु पराड़कर जैसे पत्रकार भी आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी की प्रेरणा की उपज थे।
- जिनमें सर्वश्री बालमुकुन्द गुप्त, बाबूराव विष्णु पराड़कर, अम्बिका प्रसाद वाजपेयी, लक्ष्मीनारायण गर्दे आदि प्रमुख थे ।
- इसी परंपरा में वाराणसी से बाबूराव विष्णु पराड़कर ने ‘दैनिक आज ' निकाला और आगरा से पालीवाल जी ने ‘सैनिक'.
- स्वतंत्रता आंदोलन को अपनी कलम के माध्यम से तेज करने वाले बाबूराव विष्णु पराड़कर जी ने यह बात कही थी।
- उसमें सबसे जरूरी है भारतीय परंपरा के हिंदी परंपरा के मूर्धन्य मराठी पत्रकार बाबूराव विष्णु पराड़कर जी का हिंदी पर विचार।
- बाबूराव विष्णु पराड़कर, लक्ष्मीनारायण गर्दे या मनोहर खाडिलकर ने पत्रकारिता करने के लिए महाराष्ट्र नहीं, वाराणसी को चुना था।
- लोकमान्य तिलक, बाबूराव विष्णु पराड़कर, लक्ष्मण नारायण गर्दे, आर. आर. खाडिलकर आदि के नाम भुलाए नहीं जा सकते।
- सम्पादकाचार्य बाबूराव विष्णु पराड़कर की पुण्य तिथि 12 जनवरी पर उनकी जन्म और कर्मस्थली वाराणसी में साहित्यकारों और पत्रकारों का जमावड़ा होने जा रहा है।
- पत्रकारिता के सही मूल्यों को चरितार्थ करने वाले बाबूराव विष्णु पराड़कर जी की पत्रकारिता के पदचिन्ह वर्तमान पत्रकार पीढ़ी के लिए पथप्रदर्शक के समान हैं।