बृहज्जातक वाक्य
उच्चारण: [ berihejjaatek ]
उदाहरण वाक्य
- पुनर्जन्म के बारे में ज्योतिषीय तथ्य बृहज्जातक नैर्याणिकाध्याय के अनुसार: सूर्य और चंद्रमा में जो बली हो वह बली ग्रह जिस द्रेष्काण में हो उस द्रेष्काण का स्वामी गुरु हो तो जातक देवलोक से आता है।
- बृहद् पाराशर होरा शास्त्र, जैमिनी सूत्र, बृहज्जातक, सारावली, जातकाभरण, दैवज्ञाभरण, फलदीपिका, प्रश्न मार्ग, कृष्णीयम्, माधवीयम् एवं मानसागरी जैसे होराशास्त्र के मानक या निबंध ग्रंथों में कालसर्प योग की चर्चा नहीं मिलती।
- ज्योतिष के मान्य फलित ग्रंथों बृहज्जातक, सारावली, फलदीपिका,बृहत् पाराशर इत्यादि के अनुसार मंगल क्रूर दृष्टि वाला,युवक,पतली कमर वाला,अग्नि के सामान कान्ति वाला,रक्त वर्ण,पित्त प्रकृति का,साहसी,चंचल,लाल नेत्रों वाला,उदार,अस्थिर स्वभाव का है |
- बृहज्जातक में ग्रह भेदाध्याय में मात्र इन ग्रहों के नाम का ही उल्लेख है |आगे पूर्ण अध्याय में कही भी इनके विषय में वराह मिहिर ने कोई चर्चा नही प्रस्तुत की है | वराह ने मात्र राहू केतु के नाम का उल्लेख ही किया-