भरतवंशी वाक्य
उच्चारण: [ bhertevneshi ]
उदाहरण वाक्य
- खास बात यह कि भरतवंशी भी इसमें बड़चड़कर कर भाग ले रहे हैं।
- कुरूवंशी (भरतवंशी) आर्यों के राजा त्रित्सु मध्य हैमवत के शासक थे।
- भरतवंशी विश्वामित्र ज्ञान बांटने के लिए सतलज व व्यास नदियों को पार कर रहे थे।
- यह प्रदेश कालांतर में भरतवंशी राजा भ्रम्यश्च के पाँच बेटों के नाम पर ` पंचाल ` कहलाया ।
- यह वही भारतीय और भरतवंशी हैं जो बड़े पैमाने पर राम मंदिर के निर्माण के लिए चंदा भारत भेजते हैं।
- भावार्थ: इस नाशरहित, अप्रमेय, नित्यस्वरूप जीवात्मा के ये सब शरीर नाशवान कहे गए हैं, इसलिए हे भरतवंशी अर्जुन! तू युद्ध कर॥18॥
- [86] शतपथ ब्राह्मण में आता है कि एक बार भरतवंशी शासकों ने सात्वतों से उनके यज्ञ का घोड़ा छीन लिया था।
- भवन्ति सम्पदं देवीमभिजातस्य भारत॥ तेज (प्रभाव), क्षमा, धैर्य, शरीर की शुद्धि, बैर-भाव का न रहना और मान को न चाहना, हे भरतवंशी अर्जुन।
- जो कि मेरा पोस्टर देख कर समझा जा सकता है | सभी भारत वासियों (भरतवंशी स्वाभिमानी साथियों) को, ओम.....
- अविनाशी, अप्रमेय, नित्यस्वरूप आत्मा के ये सभी शरीर नाशवान् कहे गये हैं, इसलिये भरतवंशी अर्जुन! आत्मा ही अमृत है।