भारतीय अर्थ-व्यवस्था वाक्य
उच्चारण: [ bhaaretiy areth-veyvesthaa ]
उदाहरण वाक्य
- पहला चुनाव की वैतरणी पार कराएगा और दूसरा भारतीय अर्थ-व्यवस्था को वित्तीय घटा कम करके अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों की हीं नहीं विदेशी निवेशकों की नज़र में भी उंचा करेगा.
- पचपदरा स्थानीय पटवार घर के पास सामुदायिक भवन में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर से चीन निर्मित वस्तुओं से भारतीय अर्थ-व्यवस्था के खतरे को लेकर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
- भारतीय अर्थ-व्यवस्था में दिए गए योगदान के लिए एनएचपीसी को डन एंड ब्रॉड स्ट्रीट-रोल्टा कारपोरेट अवार्ड्स 2010 के अंतर्गत पावर सैक्चर श्रेणी में शीर्ष भारतीय कंपनी के तौर पर पुरस्कृत किया गया ।
- काठमाण्डू-ज्योतिष-केंद्र के संचालक माधव सिंह यादव की मानें तो इस साल भारतीय अर्थ-व्यवस्था में ग्रोथ रेट में भी इज़ाफ़ा होगा जो आने वाले बरसों में भारत की मज़बूत अर्थव्यवस्था आधार साबित होगी.
- सन १ ९ ८ ० में शुरू हुआ उदारीकरण दस साल बाद सन १ ९९ १ में भारतीय अर्थ-व्यवस्था को वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ समेकित करने का सबब बना जो आज नव-उदारवादी अर्थव्यवस्था में परिणित हु आ.
- भारत पुनः पूँजी बनाने के लिए, अधिकाँशतः घरेलू बचत पर ही निर्भर रहता है, फिर भी विदेशी पूँजी का अन्तर्प्रवाह, भारतीय अर्थ-व्यवस्था में उल्लेखनीय भूमिका निभाता हैः यह शेयर बाजार को उत्प्रेरित करता है, वैश्विक स्रोतों से जुडे होने के कारण,
- पिचले कुछ सालों से भारत की विकास दर बाकि दुनिया से ज्यादा रही (चीन की तुलना मे फिर भी कम ही रही), और लोग कयास लगाने लगे की अगर भारतीय अर्थ-व्यवस्था अगर इसी दर से बढ़ति रही तो भारत एक आर्थिक महाशक्ति बन जायेगा ।
- हमारे प्रधानमंत्री विदेशी-मामलों के माहिर नहीं हैं, वे प्रख्यात अर्थ-शास्त्री हैं, ये और बात है कि भारतीय अर्थ-व्यवस्था को वह आश्वासनों के बावजूद अभी तक पटरी पर नहीं ला सके और उनकी अर्थ-नीति धनवानों को लाभ पहुँचाने वाली और अमेरिका द्युरी पर नाचने वाली है।
- नव उदारवाद के रास्ते पर कुलांचे भरते हुए भारतीय अर्थ-व्यवस्था ने आर्थिक वृद्धि दर की जो कल्पना की थी वह आज अपने अंतिम अंजाम से मीलों दूर पहले भारतीय पूंजीवादी राजनीतिज्ञों को आगाह कर रही है कि मात्र व्याज दरों में कमी वेशी करने, विदेशी निवेश बढाने, जन-कल्याणकारी मदों से सरकारी इमदाद में कमी करने और वित्तीय पूंजीगत लाभों को राष्ट्र विकाश का माडल भर मान लेने से अर्थ व्यवस्था को सुरखाव के पंख नहीं लगने वाले हैं.