भालचन्द्र जोशी वाक्य
उच्चारण: [ bhaalechender joshi ]
उदाहरण वाक्य
- मनोज रुपड़ा का कहानी संग्रह ‘टावर आफ साइलेंस ' प्रवासी भारतीय लेखिका दिव्या माथुर का ‘2050 और अन्य कहानियां', कविता का ‘नदी जो अब भी बहती है', प्रमोद भार्गव का ‘मुक्त होती औरत', पद्मा शर्मा का ‘जल समाधि' तथा अन्य कहानियां, नीला प्रसाद का ‘सातवीं औरत का घर', भालचन्द्र जोशी का ‘पालवा' कहानी के रचनात्मक भविष्य को प्रमाणित करते हैं।
- पिछले कुछ समय में कई महत्वपूर्ण रचनाएँ आयी हैं, पूरन हार्डी की 'बुड़ान', योगेन्द्र आहूजा की 'खाना', प्रेमरंजन अनिमेष की 'लड़की जिसे रोना नहीं आता', विद्यासागर नौटियाल की 'पफट जा पंचधर', शैलेन्द्र सागर की 'ब्रंच', प्रियंवद की 'कलंदर', जितेन ठाकुर की 'विक्रम-बेताल', नवीन कुमार नैथानी की 'पारस', भालचन्द्र जोशी की 'पालवा' और 'लौटा तो भय', मनीषा कुलश्रेष्ठ की 'रंग-रूप-रस-गंध्', मनोज कुमार पांडेय की 'शहतूत', अल्पना मिश्र की 'रहगुजर की पोटली', दूध्नाथ सिंह की 'तू पफू', सुभाष पंत की 'धरमदास के पास एक रास्ता ज्यादा है', प्रत्यक्षा की 'शिकार' और अरूण कुमार असपफल की 'पाँच का सिक्का'।