भूदेव मुखर्जी वाक्य
उच्चारण: [ bhudev mukherji ]
उदाहरण वाक्य
- सर्वप्रथम, ब्रह्मसमाज के सदस्यों और विशेषतया नवीनचंद्र राय, केशवचंद्र सेन, भूदेव मुखर्जी तथा राजनारायण बोस ने हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप स्थापित किए जाने पर बल दिया था।
- याद रहे कि इंडियन नेशनल कांग्रेस के मंच से हिंदी में पहला भाषण अमृतसर में सन १ ९ १ ९ ईस्वी में भूदेव मुखर्जी द्वारा दिया गया, जो गैर हिंदी भाषी थे।
- देवनागरी लिपि के समर्थन में केशवचंद्र सेन, भूदेव मुखर्जी, महात्मा हंसराज, स्वामी श्रद्धानंद, लोकमान्य तिळक, पं. मदन नोहन मालवीय, काका कालेलकर, पुरुषोत्तम दास टंडन, विनोबा भावे आदि सैकड़ों राष्ट्र हितैषियों ने हिंदी भाषा एवं देवनागरी लिपि को देश के लिए अनिवार्य घोषित किया।
- br / > '' ' [[हज़ारीप्रसाद द्विवेदी]] '' ' |} [[राजा राममोहन राय]], [[केशवचंद्र सेन]], नवीन चंद्र राय, [[ईश्वर चंद्र विद्यासागर]], तरुणी चरण मिश्र, राजेन्द्र लाल मित्र, राज नारायण बसु, भूदेव मुखर्जी, बंकिम चंद्र चैटर्जी (' हिंदी भाषा की सहायता से भारतवर्ष के विभिन्न प्रदेशों के मध्य में जो ऐक्यबंधन संस्थापन करने में समर्थ होंगे वही सच्चे भारतबंधु पुकारे जाने योग्य हैं।