भूले बिसरे चित्र वाक्य
उच्चारण: [ bhul biser chiter ]
उदाहरण वाक्य
- भगवतीचरण वर्मा को भूले बिसरे चित्र पर साहित्य अकादमी पुरस्कार और पद्मभूषण से सम्मानित किया गया।
- ' चित्रलेखा ' उपन्यास पर दो बार फ़िल्म निर्माण और भूले बिसरे चित्र पर साहित्य अकादमी पुरस्कार।
- उपन्यास लेखन को नई दिशा देने वाले रचनाकार भगवती चरण वर्मा को हिन्दी साहित्य ने ' भूले बिसरे चित्र ' बना दिया।
- क्या भूलूँ, क्या याद करुँ ' की ललक में ' भूले बिसरे चित्र ' पर कूँची फेरने लगा तो परती परिकथा उजागर हो गयी ।
- उपन्यास लेखन को नई दिशा दी भगवती बाबू ने उपन्यास लेखन को नई दिशा देने वाले रचनाकार भगवती चरण वर्मा को हिन्दी साहित्य ने ' भूले बिसरे चित्र ' बना दिया।
- इनका बृहत्तम और सर्वाधिक सफल उपन्यास भूले बिसरे चित्र (1959) है, जिसमें अनुभूति और संवेदना की कलात्मक सत्यता के साथ उन्होंने तीन पीढ़ियों का, भारत के स्वातंत्र्य आन्दोलन के तीन युगों की पृष्ठभूमि में मार्मिक चित्रण किया है।
- भूले बिसरे चित्र ' में तीन पीढ़ियों की सोच और मानसिकता के बदलाव, पुरानी पीढ़ी के साथ नई पीढ़ी के संघर्ष (पीढ़ी अंतराल), औपनिवेशिक शासन के प्रति बुद्धिजीवियों का मोहभंग एवं विद्रोह का अंकन किया गया है.
- ' ' चित्रलेखा ', ' टेढ़े मेढ़े रास्ते ', ' सीधी-सच्ची बातें, ' भूले बिसरे चित्र, ' त्रिपथगा ' आदि उपन्यास, कहानियां और ' मेरी कविताएं ' और ' आधुनिक कवि ' कविता संग्रहों के रचयिता भगवती चरण वर्मा निश्चित ही प्रतिभाशाली रचनाकर थे।
- उपन्यास ÷ झूठा-सच ' 7, ÷ तमस ' 8 और ÷ इंसान मर गया ' 9, मुठ्ठी भर कांकर ' 10, ÷ जुलूस ' 11, ÷ वह फिर नहीं आई ', ÷ पिंजर ' 12, ÷ कुली के बेटे ', ÷ बयालीस ', ÷ भूले बिसरे चित्र ' 13 आदि विच्चेष उल्लेखनीय हैं।
- पतन और चित्रलेखा से शुरू हुई उनकी उपन्यास-यात्रा अनेक पड़ाव और मंजिलें तय करती हुई, तीन वर्ष, टेढ़े मेढ़े रास्ते, आखरी दाँव, अपने खिलौने, भूले बिसरे चित्र, वह फिर नहीं आई, सामथ्र्य और सीमा, थके पाँव, रेखा, सीधी सची बातें, सबहि नचावत रामगुसाँई, प्रश्न और मरीचिका, धुप्पल, चाणक्य आदि उपन्यासों की अनवरत श्रृंखला हिन्दी कथा साहित्य को सौंपती है।