भ्रमरगीत वाक्य
उच्चारण: [ bhermergait ]
उदाहरण वाक्य
- इस भ्रमरगीत का महत्त्व एक बात से और बढ़ गया है।
- भ्रमरगीत से एक पद और विलग जनि मानो उधौ प्यारे,...
- अधिक पदों का संकलन भ्रमरगीत या उध्दव-संदेश कहलाया जाता है ।
- भ्रमरगीत, २. जुगलमान शतक तथा ३. परमत्त्व निरुपण) कोसमाप्त कर दिया गया.
- भ्रमरगीत ' का भँवरा इस नगरीय लंपटता का भी प्रतीक है.
- भ्रमरगीत में अंतत: सगुण की श्रेष् ठता को सिद्ध किया जाता है।
- भ्रमरगीत में बार-बार निर्गुण, ज्ञान और योग को नगर से जोड़ा गया है।
- भागवत से अलग भ्रमरगीत की पूरी कथा यही साबित करती हुई प्रतीत होती है।
- भ्रमरगीत के अंतर्गत अलबत्ता सूर ने आभ्यंतर पक्ष का भी विस्तृत उद्धाटन किया है।
- भ्रमरगीत में ' व्योपारी', गाहक, नागर-ग्राम, राजा, नगर नारि आदि शब्द कई बार आते हैं।