मज्झिमनिकाय वाक्य
उच्चारण: [ mejjhimenikaay ]
उदाहरण वाक्य
- उसी प्रकार मज्झिमनिकाय की अट्टकथा में उसके मयूर सुत्त पट्टण में रहते हुए बुद्धमित्र नामक स्थविर की प्रार्थना से लिखे जाने का उल्लेख मिलता है।
- उसी प्रकार मज्झिमनिकाय की अट्टकथा में उसके मयूर सुत्त पट्टण में रहते हुए बुद्धमित्र नामक स्थविर की प्रार्थना से लिखे जाने का उल्लेख मिलता है।
- इसके कर्ता सारिपुत्त की तीन अन्य टीकाएँ भी मिलती हैं-(1) लीनत्थपकासिनी-मज्झिमनिकाय की अट्ठकथा पर, (2) विनयसंग्रह और (3) सारत्थमंजूसा-अंगुत्तरनिकाय की अट्ठकथा पर।
- इनमें से सुत्तपिटक के अंतर्गत पाँच निकाय हैं १) दीघनिकाय २) मज्झिमनिकाय ३) संयुत्तनिकाय ४) अङ्गुत्तरनिकाय और ५) खुद्दकनिकाय ।
- उल्लेखनीय है कि गौतम बुद्ध के इस नगर से विशेष सम्बन्ध की ओर लक्ष्य करके मज्झिमनिकाय में उन्हें कोसलक (कोशल का निवासी) कहा गया है।
- इसके कर्ता सारिपुत्त की तीन अन्य टीकाएँ भी मिलती हैं-(1) लीनत्थपकासिनी-मज्झिमनिकाय की अट्ठकथा पर, (2) विनयसंग्रह और (3) सारत्थमंजूसा-अंगुत्तरनिकाय की अट्ठकथा पर।
- ” (मज्झिमनिकाय ४ ०) अर्थात्-हे भिक्षुओ, मैं संघाटिक के संघाटी धारणमात्र से श्रामण्य नहीं कहता, अचेलक के अचेलकत्वमात्र से, रजोजल्लिक के रजोजल्लिकत्व मात्र से और जटिलक के जटाधारण-मात्र से भी श्रामण्य नहीं कहता।
- मज्झिमनिकाय में मध्यमविस्तार के 152 सुत्त है जो 15 वर्गों में विभक्त हैं-(1) मूलपरियाय (2) सीहनाद (3) ओपम्म (4) महायमक (5) चूलयमक (6) गहपति (7) भिक्खू (8) परिव्वाजक (9) राज (10) ब्राह्मण (11) देवदह (12) अनुपद (13) सुञ्ञता (14) विभंग और (15) षडायतन।