महाप्रभु चैतन्य वाक्य
उच्चारण: [ mhaaperbhu chaiteny ]
उदाहरण वाक्य
- इस दिन का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि इस दिन को प्रसिद्ध वैष्णव संत महाप्रभु चैतन्य का जन्मदिन माना जाता है।
- इन्हीं नित्यानन्द को महाप्रभु चैतन्य ने अपने सम्प्रदाय में आमन्त्रित किया था और यहीं से गौडीय वैष्णव धर्म ने नवीन रूप धारण किया था।
- गौडीय सम्प्रदायचार भक्ति प्रवर्तक आचार्यों के अतिरिक्त गौडीय संप्रदाय के प्रवर्तकनौरांग महाप्रभु चैतन्य की भक्ति धारा ने भी राजस्थान की संस्कृति परभरपूर प्रभाव डाला है.
- महाप्रभु चैतन्य ने सागर में एक विराट् रूप का दर्शन किया था जो उनके प्रिय का रूप था और जिसमें उन्होंने लय हो जाना चाहा था।
- महाप्रभु चैतन्य देव के द्वारा प्रवर्तित सम्प्रदायगत सिद्धान्त के मूल में भी इसी साधना का प्रभाव स्पष्टत: अथवा किसी किसी स्थान में अर्द्धप्रछन्न भाव में परिलक्षित होता है।
- किन्तु लगभग साढ़े चार हज़ार वर्षों के बाद ये सारी लीला-स्थलियाँ पुन: लुप्त हो गईं, महाप्रभु चैतन्य ने तथा श्री रूप-सनातन आदि अपने परिकारों के द्वारा लुप्त श्रीवृन्दावन और ब्रजमंडल की लीला-स्थलियों को पुन:
- परन्तु ' वय: कैशोरकं ध्येयम ' यानी ' वयस में किशोर-वय ही आराध्य है ' की घोषणा करने वाले माधवेन्द्र पुरी के प्राशिष्य थे महाप्रभु चैतन्य जिन्होंने अपनी साधना का केन्द्र ' राधा ' को ही बनाया।
- किन्तु लगभग साढ़े चार हज़ार वर्षों के बाद ये सारी लीला-स्थलियाँ पुन: लुप्त हो गईं, महाप्रभु चैतन्य ने तथा श्री रूप-सनातन आदि अपने परिकारों के द्वारा लुप्त श्रीवृन्दावन और ब्रजमंडल की लीला-स्थलियों को पुन: प्रकाशित किया।
- स्वामी रामकृष्ण परमहंस का माँ काली का दर्शन करना, महाप्रभु चैतन्य का श्रीकृष्ण से एकाकार हो जाना, स्वामी रामतीर्थ का ब्रह्मभाव में प्रतिष्ठित हो, अपने अस्तित्व को भूल जाना, उपासना की तन्मयता एवं उसकी प्रतिक्रियाओं का प्रभाव है।
- पांच सौ साल पहले यानी पंद्रहवीं सदी में कवि जयदेव प्रेरित बाउल संस्कृति और सूफी संत परंपराओं के बीच महाप्रभु चैतन्य के आविर्भाव के बाद ही जयदेव की वैष्णव परंपारा के तहत विष्णु बंगाल में अवतरित हुए, जो वैदिकी कर्मकांड में यज्ञ के अधिष्टाता हैं।