महीधर वाक्य
उच्चारण: [ mhidher ]
उदाहरण वाक्य
- इसी तरह परंपरा से प्राप्त महीधर जी का वेदार्थ भी कुछ जगहों पर स्वीकार्य नहीं हो पाता।
- इस पर सायण, उव् वट, महीधर एवं शंकराचार्य के भाष् य उपलब् ध हैं ।
- वेदभाष्यकार आचार्य महीधर ने कार्यों के प्रशस्त, अप्रशस्त, श्रेष्ठ, श्रेष्ठतम ये चार किये हैं ।
- उवट, सायण, महीधर आदि भाष्यकारों ने इन्हें अलग स्वतन्त्र देव स्वीकार किया हैं जिससे वेदों में बहुदेवतावाद प्रतीत होता हैं.
- सायण और महीधर ने उचित अर्थ किये हैं न कि अनर्थ....शन्कराचार्य एक विशेष तन्त्र के सर्वोच्च हैं...न कि सारे हिन्दू धर्म के...
- वेदों का व्याकरण अष्टाध्यायी ही है और वेदार्थ को जानने के लिये सायण और महीधर को मार्गदर्शक मान लेना उचित नहीं है ।
- उवट, सायण, महीधर आदि भाष्यकारों ने इन्हें अलग स्वतन्त्र देव स्वीकार किया हैं जिससे वेदों में बहुदेवतावाद प्रतीत होता हैं.
- महीधर ने इस मन्त्र के अपने भाष्यमें गणपति का अर्थ घोड़ा किया है (अस्मिन्मन्त्रे गणपति शब्दादृश्योवाजीगृहीतव्य इति) वास्तव में `गणेश 'ओउम का प्रतीक है.
- आर्य समाजी तो सायण, उव्वट और महीधर आदि सनातनी विद्वानों को धूर्त, भांड और निशाचर कहते हैं और उनके भाष्य को नकारते हैं।
- कुछ भ्रांतियों के जनक सायण, महीधर आदि के भाष्य हैं जबकि कुछ के जनक पाश्चात्य विद्वान जैसे मेक्समूलर, ग्रिफ्फिथ, ब्लूमफिल्ड आदि हैं.