महेश दत्त शर्मा वाक्य
उच्चारण: [ mhesh dett shermaa ]
उदाहरण वाक्य
- कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री अमरनाथ भूमि संघर्ष समिति के संयोजक लीलाकरण शर्मा थे, जबकि विशिष्ट अतिथि अखिल भारतीय ब्राह्माण महासभा के अध्यक्ष महेश दत्त शर्मा थे।
- साथ में मौजूद हैं विशिष्ट अतिथि पं. महेश दत्त शर्मा और संयोजक गोपाल शर्मा...</font></strong></p><p><img src=“images/stories/cinema_slideshow/kalash29.jpg” border=“0” width=“482” height=“353” align=“left” /></p><p> </p><p> </p><p> </p><p> </p><p> </p><p> </p><p> </p><p> </p><p> </p><p> </p><p> </p><p> </p><p> </p><hr title=“ब्रह्माशत्ति” class=“system-pagebreak” /><p><font color=“#000080”><strong> उत्साह चरम पर..
- सम्मेलन को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय ब्राह्माण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि महेश दत्त शर्मा ने लोगों का आह्वान किया कि जहां ब्राह्माण का नाम आ जाए, वहां हर विवाद को दरकिनार कर अपने समाज के लोगों की मदद की जाए।
- उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष पं महेश दत्त शर्मा के मार्गदर्शन में होने वाली इस बैठक में गंगा-यमुना प्रदूषण, विप्र एकता, विप्रों के लिए शिक्षा व आध्यात्मिक उत्थान सहित अन्य विप्र हित के अनेक प्रस्तावों पर चर्चा कर उनके क्रियान्वन की रूपरेखा तैयार की जायेगी।
- टैगोर को नोबल प्राइज मिला, महात्मा गांधी को क्यों नहीं? महेश दत्त शर्मा अकसर बीचबीच में यह सवाल उठता रहता है कि महात्मा गांधी को नोबल प्राइज क्यों नहीं मिला? इसके लिए कहना यह होगा कि लोग नोबल प्राइज मिलने पर चर्चा में आते हैं, वहीं जब गांधी जी को नोबल प्राइज देने की सुगबुगाहर शुरू हुई, वे उससे काफी पहले संसार भर में एक चर्चित और सर्वमान्य शख्यिसत बन चुके थे जिसे किसी ‘ नोबल ' प्राइज के ठप्पे की आवश्यकता नहीं थी।