माघ शुक्ल एकादशी वाक्य
उच्चारण: [ maagh shukel aadeshi ]
उदाहरण वाक्य
- पुराण में लिखा है कि पौषशुक्ल एकादशी से लेकर माघ शुक्ल एकादशी तक, मास भर भूमि पर शयन करें, निराहार रहें और तीनों समय स्नान करें।
- संयोगवश माघ शुक्ल एकादशी के दिन दुःखों से व्याकुल होकर इन दोनों ने कुछ भी नहीं खाया और रात में ठंढ की वजह से सो भी नहीं पाये।
- संयोगवश माघ शुक्ल एकादशी के दिन दुःखों से व्याकुल होकर इन दोनों ने कुछ भी नहीं खाया और रात में ठंढ की वजह से सो भी नहीं पाये।
- हिन्दी साहित्य के सर्वाधिक चर्चित साहित्यकारों मे से एक सूर्यकान्त त्रिपाठी ' निराला' का जन्म बंगाल की रियासत महिषादल (जिला मेदिनीपुर) में माघ शुक्ल एकादशी संवत् १९५५ तदनुसार २१ फरवरी सन १८९९ में हुआ था।
- हिन्दी साहित्य के सर्वाधिक चर्चित साहित्यकारों मे से एक सूर्यकान्त त्रिपाठी ' निराला' का जन्म बंगाल की रियासत महिषादल (जिला मेदिनीपुर) में माघ शुक्ल एकादशी संवत १९५५ तदनुसार २१ फरवरी सन १८९९ में हुआ था।
- हिन्दी साहित्य के सर्वाधिक चर्चित साहित्यकारों मे से एक सूर्यकान्त त्रिपाठी ' निराला' का जन्म बंगाल की रियासत महिषादल (जिला मेदिनीपुर) में माघ शुक्ल एकादशी संवत १९५५ तदनुसार २१ फरवरी सन १८९९ में हुआ था।
- जया एकादशी के विषय में जो कथा प्रचलित है उसके अनुसार धर्मराज युधिष्ठिर भगवान श्री कृष्ण से निवेदन करते हैं कि माघ शुक्ल एकादशी को किनकी पूजा करनी चाहिए, तथा इस एकादशी का क्या महात्मय है।
- जया एकादशी के विषय में जो कथा प्रचलित है, उसके अनुसार धर्मराज युधिष्ठिर भगवान श्रीकृष्ण से निवेदन करते हैं कि माघ शुक्ल एकादशी को किनकी पूजा करनी चाहिये तथा इस एकादशी का क्या माहात्म्य है।
- वैसे तो उनका जन्म बंगाल की रियासत महिषादल (जिला मेदिनीपुर) में माघ शुक्ल एकादशी संवत १९५५ तदनुसार २१ फरवरी सन १८९९ में हुआ था, लेकिन वसंत पंचमी पर उनका जन्मदिन मनाने की परंपरा १९३० में प्रारंभ हुई.
- हिन्दी साहित्य के सर्वाधिक चर्चित साहित्यकारों मे से एक सूर्यकान्त त्रिपाठी ' निराला ' का जन्म बंगाल की रियासत महिषादल (जिला मेदिनीपुर) में माघ शुक्ल एकादशी संवत १ ९ ५५ तदनुसार २ १ फरवरी सन १ ८ ९९ में हुआ था।