माधव प्रसाद मिश्र वाक्य
उच्चारण: [ maadhev persaad misher ]
उदाहरण वाक्य
- 5 इस तरह के उदाहरण भारतेन्दु से लेकर माधव प्रसाद मिश्र और अयोध्याप्रसाद हरिऔध इत्यादि साहित्यकारों की लेखनी में सहज ही मिल जाते हैं जहां हिन्दुओं की एकता के लिये सभी हिन्दुओं-ब्राह्मणों से लेकर शूद्रों तक-के बीच एकता की बात कही जाती थी.
- यही बात श्रीमान स्वामी विशुद्धानन्द सरस्वती जी के जीवन-चरित्र ' विशुद्धचरितावली ' के प्रथम भाग के 109, 110 पृष्ठों में ' सुदर्शन ' संपादक पं. माधव प्रसाद मिश्र ने इस प्रकार लिखी है-संन्यास ग्रहण करने की इच्छा से विरक् त भगवान दत्त (भविष्य गौड़, स्वामी तारकब्रह्मानन्द सरस्वती-स्वामी विशुद्धानन्द सरस्वती के गुरु) घर से निकले।
- पार्टी ने प्रदेश में कला, साहित्य व संस्कृति को बढ़ावा देने, लेखकों, साहित्यकारों व कलाकारों के लिए लेखक गृह स्थापित करने, सीही में सूर स्मारक व शोध संस्थान, कुरुक्षेत्र में हर्ष व बाणभट्ट, गुडियानी (रेवाड़ी) में बाबू बालमुकुंद गुप्त, भिवानी में पं. माधव प्रसाद मिश्र व सोनीपत में पं. लख्मीचन्द का स्मारक स्थापित किए जाने का भी भारोसा दिलाया।