मारे गये गुलफाम वाक्य
उच्चारण: [ maar gay gaulefaam ]
उदाहरण वाक्य
- मारे गये गुलफाम, बेचारे करुणा जी पर कोई भी करुणा दिखाने को तैयार नहीं है, औरो की क्या बात करें जब बीवियों ने ही शिकंजा कस रखा है।
- फणीश्वरनाथ रेणू की कहानी “ मारे गये गुलफाम ” के नायक हीरामन की तीसरी कसम थी कि फिर कभी अपनी बैलगाड़ी में नाचने वाली बाई जी को नहीं बिठायेंगे.
- विनीत उत् पल ♦ इसी मायानगरी में गीतकार शैलेंद्र हुए थे, जिन्होंने फणीश्वरनाथ रेणु के उपन्यास ‘ मारे गये गुलफाम ' पर फिल्म ‘ तीसरी कसम ' का निर्माण किया था।
- एक आदिम रात्रि की महक ठुमरी अग्निखोर अच्छे आदमी रिपोर्ताज ऋणजल-धनजल नेपाली क्रांतिकथा वनतुलसी की गंध श्रुत अश्रुत पूर्वे प्रसिद्ध कहानियां मारे गये गुलफाम (तीसरी कसम) एक आदिम रात्रि की महक लाल पान की बेगम पंचलाइट तबे एकला चलो रे ठेस संवदिया सम्मान अपने प्रथम उपन्यास मैला आंचल के लिये उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया ।
- उनकी सुप्रसिध्द कहानियां-' ' तीसरी कसम उर्फ मारे गये गुलफाम '', '' पंचलाइट '', '' लाल पान की बेगम '', '' रसप्रिया '' इत्यादि ऐसी रचनाएं हैं जो कथा साहित्य के क्षेत्र में मील का पत्थर सिध्द होने में पूर्णरूप से सक्षम हैं किन्तु इसका आशय यह नहीं कि '' रेणू '' को केवल आंचलिक कथाकार के परिचय की सीमाओं में केन्द्रित कर दिया जाय।
- द टाइम्स ऑफ़ इंडिया, 9 2 नवरात्रि, 10 2 आलोक प्रकाश पुतुल, 11 2 फैडरल रिसर्व बैंक, 12 2 चिकित्साशास्त्र, 13 2 जालपृष्ठ, 14 2 प्राणायाम, 15 2 समस्तीपुर, 16 2 खगड़िया, 17 2 अररिया जिला, 18 2 अतीत के चलचित्र, 19 2 स्मृति की रेखाएं, 20 2 यामा, 21 2 नीहार, 22 2 सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन, 23 2 मारे गये गुलफाम, 24 2 पंचलाइट, 25 2 लाल पान की बेगम
- उस दौर के तीन कहानीकार (फणीश्वरनाथ ‘ रेणु ', शेखर जोशी और मार्कंडेय) ‘ सांग्स आफ़ इन्नोसेंस ' के रचनाकार हैं, इनकी कहानियों के कथानायकों की मासूमियत या तो छली जाती है, या अपनी अस्मिता खो बैठती है, इनमें ‘ मारे गये गुलफाम ' की केंद्रीय थीम ध्वनित होती रहती है, भारतीय समाज में ऐसे पात्र जो मासूमियत की नुमाइंदगी करते हैं, आज़ादी के बाद के समाज में किस तरह जी पाते हैं या मर जाते हैं, उनके शरीर और मनोचेतना के विश्वसनीय खाके़ इन कहानीकारों ने ही रचे।