मुंडक उपनिषद वाक्य
उच्चारण: [ munedk upenised ]
उदाहरण वाक्य
- १ २), तैत्रय उपनिषद् (२. ३), मुंडक उपनिषद (१. १. ५), गोपथ ब्राह्मण (२.
- 26 जनवरी, 1950 को जब देश गणतंत्र बना, संसद ने राष्ट्रीय चिह्न के रूप में अशोक चक्र व उसके नीचे लिखे मुंडक उपनिषद के सूत्र वाक्य सत्यमेव जयते को मान्यता दी थी।
- भारतीय प्राचीन ग्रंथों में से एक मुंडक उपनिषद से लिया गया यह आदर्श वाक्य, आजादी के बाद राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में अपनाया गया और आज भी भारतीय सिक्के के एक तरफ देवनागरी लिपि में लिखा हुआ दिख जाता है।
- आज़ाद भारत के हुक्मरानों ने बहुत सोच समझ कर जब इस संस्कृत की इस सूक्ति को मुंडक उपनिषद से निकाल कर भारत का राष्ट्रीय सिध्दांत बनाने का विचार बनाया होगा, तब उन्होनें ये बिल्कुल नही सोचा होगा कि उनकी आने वाली पीढ़ियाँ आगे चलकर एक ऐसे देशकाल में जीने के लिये अभिशप्त होंगी जहाँ “सत्य” की तो विजय होगी पर सबसे पहले उस अधनंगे फकीर की हत्या की जायेगी, जिसने पूरी ज़िंदगी सत्य और अहिंसा की साधना की।
- आज़ाद भारत के हुक्मरानों ने बहुत सोच समझ कर जब इस संस्कृत की इस सूक्ति को मुंडक उपनिषद से निकाल कर भारत का राष्ट्रीय सिध्दांत बनाने का विचार बनाया होगा, तब उन्होनें ये बिल्कुल नही सोचा होगा कि उनकी आने वाली पीढ़ियाँ आगे चलकर एक ऐसे देशकाल में जीने के लिये अभिशप्त होंगी जहाँ “ सत्य ” की तो विजय होगी पर सबसे पहले उस अधनंगे फकीर की हत्या की जायेगी, जिसने पूरी ज़िंदगी सत्य और अहिंसा की साधना की।