मुण्डकोपनिषद वाक्य
उच्चारण: [ munedkopenised ]
उदाहरण वाक्य
- उ०: मुण्डकोपनिषद से प्र०२:सर्वाधिक पलायन वेग वाला ग्रह कौन सा है?
- इसी आत्मा और परमात्मा का व्याख्या मुण्डकोपनिषद तथा श्वेताश्वरोपनिषद (4 ।
- मुण्डकोपनिषद के कथनानुसार सूरज, चांद और अग्नि ही आपके तीन नेत्र हैं।
- मुण्डकोपनिषद में कहा गया है-एक पेड पर दो पक्षी बैठे हैं.
- मुण्डकोपनिषद में ' सत्यमेव जयते नानृतं ', सत्य के समक्ष असत्य को धराशायी करता है।
- मुण्डकोपनिषद में ‘ ऊँ ' के जप द्वारा आत्मा और ब्रह्म के एकीकरण का उपदेश दिया गया है।
- कठोपनिषद *, मुण्डकोपनिषद *, छान्दोग्य उपनिषद * एवं अन्य उपनिषदों में ब्रह्मचर्य शब्द का प्रयोग हुआ है।
- मुण्डकोपनिषद / मृदुल कीर्ति-कविता कोश-हिन्दी कविताएँ, ग़ज़ल, नज़्म, शायरी, उर्दु शेर, काव्य, अनुवाद, कविता, लोकगीत, कवि,
- कठोपनिषद में ओश्म् `परब्रह्म ' कहा गया है. मुण्डकोपनिषद मेंओश्म् के जपद्वारा आत्मा और ब्रह्म के एकीकरण का उपदेश किया गया है.
- मुण्डकोपनिषद के अनुसार पूर्ण आत्म-ज्ञान जब तथा जिस स्थान पर होगा, उसी स्थान पर, उसी समय मोक्ष समझना चाहिए।