मूलभूत ढाँचा वाक्य
उच्चारण: [ mulebhut dhaanechaa ]
उदाहरण वाक्य
- शोक, हर्ष, घृणा, क्रोध, प्रेम और वात्सल्य जैसे अनेक भाव विश्व मानव में समान पाए जाते हैं जिसके परिणामस्वरूप साहित्य का मूलभूत ढाँचा सभी भाषाओं में एक-सा ही दिखाई देता है.
- भारत का प्राण गाँवों में है-जैसे तमाम नारों के बावजूद देश की स्वास्थ्य सेवाओं का 75 फ़ीसदी मूलभूत ढाँचा शहरी इलाकों में सीमित है, जहाँ अभी भी भारत की सिर्फ़ 30 प्रतिशत आबादी ही रहती है.
- हिंदी का मूलभूत ढाँचा न होने के बावजूद लंदन विश्वविद्यालय में सदा की तरह इस समय भी पंद्रह-बीस छात्र हिंदी में बी. ए. ऑनर्स अथवा मध्ययुगीन साहित्य, सूर, तुलसी और कबीर आदि पर शोधकार्य कर रहे थे और ऐसा ही आज भी हो रहा है।